झारखंड: रांची में सरकारी बैंक के अधिकारी के आत्महत्या मामले ने रामगढ़ पुलिस को सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया है. बैंक अधिकारी सुप्रियो मजूमदार ने रविवार को अपने आवास पर खुदकुशी कर ली. सुप्रियो मजूमदार रांची के सहजानंद चौक स्थित बैंक में पोस्टेड थे. आत्महत्या से पहले उन्होंने एक सुइसाइड नोट लिखा. जिसमें रामगढ़ पुलिस पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. सुप्रियो मजूमदार की आत्महत्या के पीछे का कारण पांच साल पुराना धोखाधड़ी का एक मामला है. जिसमें उन्हें CBI ने क्लीन चिट दे दी थी.
पांच साल पहले का मामला
दरअसल रांची से पहले सुप्रियो रामगढ़ के कैंट शाखा में पोस्टेड थे. पांच साल पहले लोन से जुड़े एक मामले में CBI जांच हुई थी. ये मामला लोन धोखाधड़ी से जुड़ा है जिसमें सीबीआई जांच हुई थी. सीबीआई ने सुप्रियो को उस केस में क्लीन चिट दे दी थी. हालांकि मामले में कुछ लोगों को सजा भी हुई थी. अब कुछ महीने पहले रामगढ़ पुलिस के पास किसी कस्टमर ने लोन ना मिलने का आवेदन दिया था. इसी मामले में रामगढ़ पुलिस ने सुप्रियो को पूछताछ के लिए बुलाया था. परिजनों का आरोप है कि पूछताछ के दौरान सुप्रियो को डराया और धमकाया गया. सुप्रियो मजूमदार के 5 पेज के सुसाइड नोट में भी रामगढ़ पुलिस पर डराने धमकाने और प्रताड़ित करने का आरोप लगाया गया है.
सुसाइड नोट में क्या लिखा?
सुसाइड नोट में लिखा है कि 2018 में रामगढ़ में टैंकर लोन देने में धोखाधड़ी हुई. उस धोखाधड़ी से संबंधित कई सबूत मैंने जुटाये. उस फ्रॉड लोन मामले की जांच CBI ने शुरू की. मामले में CBI ने मुझसे भी पूछताछ की. सभी साक्ष्य देखने के बाद CBI ने मुझे क्लीन चिट दे दी. इसके बाद मैं CBI का गवाह बन गया. मेरे खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराया गया. मैनेजर बीके सिंह, ब्रांच हेड प्रफुल्ल कुमार ने केस दर्ज कराया. पुलिस मुझे नोटिस देकर पूछताछ के नाम पर बुलाने लगी. CBI जांच के बाद भी पुलिस की जांच शुरू हो गई. पुलिस मामले की जांच के नाम पर मुझे परेशान करने लगी. इस वजह से मैं अनावश्यक रूप से परेशान होने लगा. अपनी सच्चाई बताने के लिए पुलिस के अधिकारियों के पास गया, लेकिन मेरी बात किसी ने नहीं सुनी. पुलिस की प्रताड़ना से परेशान होकर जान देने के लिए बाध्य हो गया.
आत्महत्या के बाद रामगढ़ पुलिस पर सवाल
परिजनों का सीधा आरोप है जिस केस में पहले ही सीबीआई ने सुप्रियो को क्लीन चिट दे दी. उसमें उन्हें दोबारा पूछताछ के लिए क्यों बुलाया गया. आरोप है कि बैंक अधिकारी ने प्रताड़ना और बदनामी के डर से ही खुदकुशी कर ली. पूरे मामले में मृतक के परिजन मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगा रहे हैं.