बोकारो जिले में बर्ड फ्लू की दस्तक से मचा हड़कंप

Update: 2023-02-23 07:22 GMT

बोकारो: झारखंड के बोकारो जिले में बर्ड फ्लू के प्रकोप की पुष्टि हुई है. जिले के सरकारी पोल्ट्री फार्म में कड़कनाथ मुर्गियों की मौत के बाद सैंपल जांच के लिए भोपाल स्थित लैब में भेजे गए थे. जांच रिपोर्ट आने के बाद सरकारी कुकूकट पोल्ट्री फार्म में मुर्गियों की मौत का कारण बर्ड फ्लू बताया गया था. जिसके बाद जिला प्रशासन द्वारा स्थिति से निपटने के लिए युद्धस्तर पर तैयारी की जा रही है. बोकारो के उपायुक्त ने बर्ड फ्लू को लेकर सरकार द्वारा जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का पालन करने का निर्देश दिया है. इसके तहत पोल्ट्री फार्म के एक किलोमीटर के दायरे के क्षेत्र को संक्रमित जोन घोषित किया गया है. जबकि 10 किमी के दायरे में आने वाले इलाके को सर्विलांस जोन घोषित किया गया है। जिला प्रशासन ने दोनों क्षेत्रों में मुर्गे व बत्तख की बिक्री पर रोक लगाने का निर्देश दिया है. इस संबंध में चारों अनुमंडल पदाधिकारी व नगर निगम को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं.

पशुपालन विभाग की एक टीम ने बुधवार से संबंधित क्षेत्र में सैंपलिंग का काम शुरू कर दिया है। सीमावर्ती इलाकों में चिकन और बत्तख की आपूर्ति पर नजर रखी जा रही है। मेडिकल टीम सभी प्रखंडों के बड़े पोल्ट्री फार्मों से मुर्गे व बत्तख के सैंपल कलेक्ट कर रही है. सैंपल को जांच के लिए कोलकाता या भोपाल की प्रयोगशाला में भेजने का निर्णय लिया गया है।उपायुक्त ने सिविल सर्जन डॉ एबी प्रसाद को बर्ड फ्लू से निपटने के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया है। संक्रमित जोन में रहने वाले लोगों के सैंपल भी मेडिकल टीम द्वारा लिए जा रहे हैं। सिविल सर्जन ने बताया कि बर्ड फ्लू से संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए सदर अस्पताल में अलग वार्ड बनाया गया है. जहां इलाज की सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई हैं। जिला प्रशासन ने सभी से कुछ दिनों तक चिकन और बत्तख खाने से परहेज करने का अनुरोध किया है.

बर्ड फ्लू के लक्षण: सिविल सर्जन डॉ. ए.बी. प्रसाद ने कहा कि अगर बर्ड फ्लू किसी व्यक्ति को संक्रमित करता है तो इसके लक्षण बहुत सामान्य हैं। एक संक्रमित रोगी को खांसी, बुखार, मांसपेशियों में दर्द, गले में खराश, सिरदर्द और सांस लेने में कठिनाई का अनुभव हो सकता है। अगर किसी को ऐसे लक्षण महसूस हों तो उसे तुरंत सदर अस्पताल या नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जाकर डॉक्टर से जांच करानी चाहिए.

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