झाँसी न्यूज़: अंधविश्वास और रूढ़ियों भरे समाज ने एक परिवार का जीवन दुश्वार कर दिया है. परिवार के युवक की बाइक एक माह पूर्व बछड़े से टकरा गई थी. बछड़े की मौत के बाद गांव के पंचों के फैसले ने उसके पूरे परिवार का सामाजिक जीवन तबाह कर दिया है. पंचों ने पहले परिवार को प्रयागराज में गंगा स्नान, भोज व जुर्माने की सजा दी. यह सब करने के बाद भी परिवार को समाज से बेदखल कर दिया. पीड़ितों ने पुलिस से शिकायत कर मदद मांगी है.
ग्राम तरगुंवा निवासी चुखरे पुत्र हल्के रैकवार ने समाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, मुख्यमंत्री, जिलाधिकारी व कोतवाली पुलिस को पंच फैसला तथा हल्दी बांटने के आदेश की प्रति लगाकर शिकायत भेजी है. इसमें कहा गया है कि वह 50 वर्ष पूर्व ग्राम रामपुर में परिवार सहित रहता था. इसी गांव में रहने वाले उसके भाई रामप्रसाद के पुत्र की बाइक से एक माह पूर्व गाय के बछड़े को टक्कर लग गई. घायल बछड़े का काफी उपचार कराया लेकिन उसकी मृत्यु हो गई. इसके बाद गांव में पंचायत ने उसे प्रयागराज में गंगा स्नान और मुंडन कराने भेजा, फिर गांव में भोज कराने को विवश किया. इसके बाद पंचों ने गौ हत्या से दोषमुक्ति के लिए 35 हजार वसूले.तरगुंवा के पंचों व तालबेहट निवासी समाज के कुछ लोग अब 51 हजार देने, का दबाव बना रहे हैं. इन पंचों ने उसके पांच पुत्रों के सत्रह पौत्र पौत्रियों के विवाह न होने की धमकी दी है. परिवार को समाज से बहिष्कृत कर दिया है. उसके घर शादी विवाह आदि पर निषेध कर हुक्का-पानी बंद कर दिया है. सीओ तालबेहट कुलदीप सिंह ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है. जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी.