कुएं में गिरा बछड़ा तो बचाने के लिए उमड़ा गांव, 6 ग्रामीणों की मौत

Update: 2023-08-18 15:59 GMT
झारखंड: झारखंड में एक दर्दनाक हादसा हुआ है जहां एक बछड़े को बचाने में 6 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा. मामला सिल्ली के पिस्का गांव का है जहां 20 घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सभी 6 ग्रामीणों के शव निकालने में NDRF की टीम सफल रही है. 40 साल पुराने और करीब 35 से 40 फीट गहरे कुएं में एक बछड़ा के गिर जाने के बाद ये दर्दनाक घटना घटी.
जानकारी के मुताबिक गुरुवार की शाम करीब 4 बजे पिस्का गांव के लोग बछड़ा को बचाने के लिए कुआं में उतरे थे. कुआं के अंदर चार लोग उतरे थे जबकि गांव के और लोग ऊपर से बछड़ा को खींचने में जुटे थे. उसी वक्त जिस खंभे के सहारे बछड़ा को निकाला जा रहा था वो टूट गया. कुआं का ऊपरी हिस्सा भी भरभरा कर ढह गया जिसके कारण कुल 7 लोग कुआं में समा गए. दो लोग ऊपर के हिस्से में भी फंसे थे , जिन्हें आसानी से निकाल लिया गया.
कुंआ के अंदर गिरने वाले में से सिर्फ भागीरथ मांझी का नाम का युवक मौत को मात देकर बाहर निकल सका. उनके सिर में चोट लगी है. हालांकि इस घटना में उसके पिता बहादुर मांझी की मौत हो गई. बछड़ा बचाने के दौरान जिन ग्रामीणों की मौत हुई उसमे मंटू मांझी, विष्णु चरण मांझी, रमेशचंद्र मांझी, बहादुर मांझी, गुरुपद मांझी और धनंजय मांझी के नाम शामिल हैं.बताया कि गांव में बछड़ा के कुंआ में गिरने की जानकारी मिलने के बाद वहां पहुंचे थे.
उसके पिता कुआं के नीचे उतरे थे. बछड़ा को निकालने का प्रयास चल रहा था, इसी दौरान बछड़े ने अंदर रस्सी बांधने के बाद हरकत शुरू कर दी. इसी दौरान कुंआ का मिट्टी भी धंसने लगा. देखते-देखते रस्सी पकड़ने वाले सभी लोग अंदर कुंआ में समा गए. हल्ला करने के बाद गांव के दूसरे लोग वहां पहुंचे. सबसे पहले बांस और रस्सी की मदद से भागीरथ को निकाला गया. गांव के ही आनंद ने बताया कि जैसे ही ये घटना घटी गांव के लोगों को इकट्ठा किया गया.
भागीरथ को भी काफी मशक्कत के बाद बचाया जा सका लेकिन उसके बाद अंदर फंसे लोगों के लिए जेसीबी और फिर बाद में पोकलेन की मदद ली गई. गुरुवार को दो मृत ग्रामीणों को निकाला गया था , जबकि शुक्रवार को 4 ग्रामीणों को निकाला गया. दिन के करीब साढ़े 12 बजे रेस्क्यू ऑपरेशन समाप्त हुआ. स्थानीय आजसू विधायक सुदेश महतो देर रात से रेस्क्यू खत्म होने तक डटे रहे. सुदेश महतो ने राज्य सरकार पर इस घटना को गंभीरता से नहीं लेने का आरोप भी लगाया.
उनका आरोप था कि सरकार का कोई भी बड़ा अधिकारी घटना स्थल पर नहीं पहुंचा. सुदेश महतो ने मृतक के परिजनों को 5-5 लाख रुपया मुआवजा और नौकरी की मांग की है. बीजेपी सांसद संजय सेठ ने भी सरकार के द्वारा मानवीय संवेदना नहीं दिखाने पर आपत्ति दर्ज की. बीजेपी सांसद ने इस रेस्क्यू ऑपरेशन में पोकलेन ऑपरेटर काशीनाथ की सराहना करते हुए गृह मंत्री के पास सम्मान के लिए नाम भेजने का भी ऐलान किया .
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