भोपाल न्यूज़: राज्य उपभोक्ता आयोग में एक रोचक फैसले से टेलीकॉम सेक्टर की कंपनी को झटका लगा है. कंपनी ने जिस उपभोक्ता को एक साल की वारंटी वाला मॉडेम दिया था, वह एक माह में ही खराब हो गया. उपभोक्ता ने जब मामला जिला उपभोक्ता आयोग में लगाया तो कंपनी ने उसे राज्य उपभोक्ता आयोग में चैलेंज किया लेकिन जीत उपभोक्ता की हुई. जिला आयोग के फैसले को सही ठहराते हुए आयोग ने कंपनी को आदेश दिया कि ब्रांडबैंड, मॉडेम को वापस लेकर उपभोक्ता को उसकी कीमत, मानसिक पीड़ा के लिए राशि तथा वाद व्यय दिया जाए. मामला कुछ इस प्रकार है कि एक निजी टेलीकॉम कंपनी से जबलपुर निवासी कुमार सौरभ नामक उपभोक्ता ने ब्राडबैंड कनेक्शन लिया था तथा मॉडेम प्राप्त किया था. इसकी एक वर्ष की वारंटी दी गई थी लेकिन एक माह में ही मॉडेम ने काम करना बंद कर दिया.
इसकी शिकायत सौरभ ने कंपनी को की लेकिन कोई हल नहीं निकला. थक हारकर वे जिला उपभोक्ता आयोग में मामले को ले गए. जहां से उपभोक्ता के पक्ष में फैसला हुआ और उसे मॉडम की कीमत 5618 रुपए का भुगतान करने सहित मानसिक पीड़ा के लिए 5000 रुपए तथा वाद व्यय 2000 रुपए देने का फैसला सुनाया गया. लेकिन कंपनी इस मामले को राज्य आयोग में लेकर आई. यहां आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति शांतनु एस. केमकर तथा सदस्य एसएस बंसल की बैंच ने जिला आयोग के फैसले को सही ठहराया और कंपनी को राशि का भुगतान करने का आदेश दिया.