रिम्स का पेइंग वार्ड विशेष कैदियों के लिए हैं विश्राम स्थल

कैदी पूजा सिंघल अपने करीबियों से खुलेआम मिलती हैं

Update: 2023-09-13 05:41 GMT

जमशेदपुर: रिम्स का पेइंग वार्ड होटवार जेल में बंद हाईप्रोफाइल कैदियों का आरामगाह बन गया है। यहां उनके परिजन और परिचित जेल मैन्युअल का खुलेआम उल्लंघन करते हुए मनमुताबिक मिल लेते हैं। साथ रहते हैं। कोई रोकने-टोकने वाला नहीं है। सोमवार की रात 9.43 बजे मनरेगा घोटाले की आरोपी कैदी निलंबित आईएएस ​पूजा सिंघल के कमरे (बी 1) में मिलने उनके पति अभिषेक झा और कुछ लोग पहुंचे। उनके जाने के बाद पूजा पेइंग वार्ड के कॉरिडोर में घूमती नजर आईं। इस दौरान वहां एक भी सुरक्षाक​र्मी मौजूद नहीं था।

इसी कॉॉरिडोर में कमरा नंबर बी 19 में सजायाफ्ता पूर्व विधायक संजीव सिंह और कमरा नंबर बी 15 में कैदी संतोष पासवान भी इलाजरत हैं। रिम्स पेइंग वार्ड में प्रतिदिन 1000 रुपए शुल्क चुकाकर महीनों आराम फरमाया जा सकता है। डॉक्टरों पर भी जल्दी डिस्चार्ज नहीं करने का दबाव रहता है। 2018 से अबतक यहां डेढ़ दर्जन से ज्यादा कैदी महीनों रह चुके हैं। इनमें 6-7 कैदी ऐसे हैं जो मामूली बीमारी के साथ रिम्स में भर्ती हुए और 100 दिन से ज्यादा यहां बिता चुके हैं। कुछ अब भी आराम कर रहे हैं। वहीं, इस वार्ड में पिछले 5 सालों में 100 सामान्य रोगी भी रहकर इलाज नहीं करा सके हैं। उन्हें 2-3 माह में घर भेज दिया जाता है।

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