झारखंड के सरकारी स्कूलों में शुक्रवार को प्रार्थना सप्ताह की छुट्टी व हाथ बांधे जाने के मामला हाईकोर्ट पहुंचा

शुक्रवार को प्रार्थना सप्ताह की छुट्टी

Update: 2022-07-20 10:04 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रांची: झारखंड प्रदेश के कई स्कूलों को उर्दू स्कूल बनाने का मामला झारखंड हाईकोर्ट पहुंच गया है। सोशल एक्टिविस्ट पंकज यादव के अधिवक्ता राजीव कुमार ने इसको लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। इसमें पंकज यादव ने सरकारी स्कूलों के इस्लामीकरण पर रोक लगाने की मांग की है। उन्होंने बताया है कि जामताड़ा, गढ़वा, पाकुड़ समेत राज्य के छह जिलों को सरकारी स्कूलों का इस्लामीकरण हो गया है। जिन स्कूलों में मुस्लिम बच्चों की संख्या ज्यादा है,उन सरकारी स्कूलों के नाम के आगे जबरन उर्दू विद्यालय लिख दिया गया है। विद्यालयों में रविवार की जगह शुक्रवार को छुट्‌टी दी जा रही है। स्कूलों में हाथ जोड़ कर प्रार्थना भी नहीं कराया जा रहा है। विद्यार्थियों से हांथ बांध कर प्रार्थना कराई जा रही है। जनहित याचिका में बताया गया है कि गढ़वा जिला के 100 ऐर जामताड़ा में 50 स्कूलों में ऐसा किया जा रहा है। शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो के आदेश के बाद जामताड़ा के स्कूल शुक्रवार को खुल तो गए लेकिन वहां के लोगों ने छात्रों को और शिक्षकों को स्कूल में घुसने नहीं दिया। उन्होंने इस प्रकरण में सचिव मानव संसाधन, मुख्य सचिव, निदेशक प्राथमिक शिक्षा, लातेहार, जामताड़ा और गढ़वा के डीसी और डीजीपी को प्रतिवादी बनाया है।

शैक्षणिक माहौल हो रहा खराब
याचिका ने पंकज यादव ने बताया है कि राज्य के 10 जिलों में नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। रविवार के बजाए शुक्रवार को स्कूलों को बंद किया जा रहा है। सही से इसकी जांच हुई तो इसकी संख्या और बढ़ेगी। पंकज यादव का आरोप है कि ऐसे असंवैधानिक और अनैतिक कार्य बड़ी साजिश के तहत किया जा रहा है। इससे स्कूलों का शैक्षणिक माहौल खराब हो रहा है। धार्मिक और सामाजिक समरसता भी खत्म हो रही है। पंजय यादव ने बताया कि गढ़वा के एक विद्यालय में हिंदु छात्र का नामांकन नहीं लिया गया। ऐसा इसलिए क्यों उस स्कूल में मुसलिम छात्रों की संख्या ज्यादा थी। राजधानी रांची में भी कई स्कूलों में ऐसा किया जा रहा है।
मामला प्रकश में आने के बाद हुई थी कार्रवाई
जानकारी हो कि जामताड़ा-गढ़वा के 43 स्कूलों में सप्ताहिक अवकाश रविवार की जगह शुक्रवार और हाथ बांध कर प्रार्थना करने का मामला प्रकाश में आया था। जिसके बाद शिक्षा मंत्री के आदेश पर प्रशासन ने कार्रवाई की थी। स्कूलों के बोर्ड में उर्दू लिखा हटाया गया था। साथ ही रविवार से फिर से सप्ताहिक अवकाश शुरु कर दी गई थी। इस मामले में शिक्षा विभाग ने दो शिक्षकों पर कार्रवाई भी की थी। 18 स्कूलों ने सूचना बोर्ड से अवकाश को शुक्रवार की जगह फिर से रविवार अंकित कर दिया गया था जबकि 12 स्कूलों ने बोर्ड से उर्दू भी हटा दिया गया था।


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