राज्य में इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी में बढ़ोतरी का मुद्दा गर्म

झारखंड में इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी में हुई वृद्धि ने राज्य के कारोबारियों को परेशानी में डाल दिया है. इसको लेकर झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष धीरज तनेजा ने फैसले पर पुनर्विचार की मांग की है.

Update: 2021-10-31 10:28 GMT

जनता से रिश्ता। झारखंड में इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी में हुई वृद्धि ने राज्य के कारोबारियों को परेशानी में डाल दिया है. इसको लेकर झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष धीरज तनेजा ने फैसले पर पुनर्विचार की मांग की है. तनेजा का कहना है कि इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी की दरों में हुई असामान्य वृद्धि से व्यवसायियों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि पूर्व की इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी की दर एवं वर्तमान दर की तुलना करें तो यह स्पष्ट है कि बढ़ी हुई दरें बहुत ही अधिक हैं.

झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष धीरज तनेजा ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि राज्य में अधिकाधिक निवेश के लिए राज्य सरकार की ओर से निवेशकों को झारखंड आमंत्रित किया जा रहा है लेकिन बिजली शुल्क में 10 से 17 गुना की असामान्य वृद्धि से उद्योगपति झारखंड में नया उद्योग कैसे लगाएंगे. उन्होंने कहा कि विद्युत शुल्क में इस तरह के असामान्य वृद्धि किसी प्रकार से तर्कसंगत नहीं है.
झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष धीरज तनेजा ने कहा कि पहले यूनिट के हिसाब से बिजली बिल कारोबारियों को देना पड़ता था लेकिन अब बिल के ऊपर छोटे कारोबारियों को 8% और बड़े कारोबारियों को 10% टैक्स भी देना पड़ रहा है जो कि राज्य के व्यवसायियों के लिए परेशानियों का कारण बन रहा है. उन्होंने कहा कि रेगुलेटरी कमीशन द्वारा प्रत्येक वर्ष एनर्जी चार्ज में वृद्धि की जाती है जिसके बाद इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी की राशि अपने आप बढ़ जाती है.
ऐसे में वर्तमान बढ़ोतरी झारखंड सरकार को तुरंत वापस लेना चाहिए. क्योंकि झारखंड में विभिन्न प्रकार के लाइसेंस उपभोक्ताओं को लेने पड़ते हैं जिनमें तरह-तरह की ड्यूटी एप्लीकेबल हैं जिन्हें उपभोक्ताओं को भुगतान भी करना पड़ता है. ऐसे में विद्युत शुल्क में वर्तमान बढ़ोतरी और भी परेशानी का कारण बन रहा है. सरकार को इस पर तत्काल विचार करना चाहिए.
झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष धीरज तनेजा ने बताया कि इस को लेकर वित्त विभाग और ऊर्जा विभाग के अधिकारियों से दीपावली के बाद बात करेंगे ताकि राज्य सरकार इस पर विचार करे और व्यापारियों को राहत मिल सके. जिससे राज्य के आर्थिक विकास को पटरी पर लाया जा सके.


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