Ranchi रांची : झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई निर्णायक मोड पर है. पिछले सप्ताह झारखंड के नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता हाथ लगी है. यह सफलता झारखंड पुलिस को बोकारो, चाईबासा,लातेहार, गुमला और गिरिडीह आदि जिलों में मिली है. सबसे पहले 20 जनवरी को गुमला के कुख्यात नक्सली रामदेव की सुरक्षाबलों से मुठभेड़ हुई, जिसके बाद वो हथियार छोड़कर भाग निकला. इसके एक दिन बाद 21 जनवरी को चाईबासा में नक्सलियों के द्वारा सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाने के इरादे से लगाये गये 21 आईईडी बरामद किये गये, वहीं दूसरी तरफ झारखंड पुलिस ने बोकारो के चंद्रपुरा से 15 लाख के इनामी नक्सली रणविजय महतो को गिरफ्तार किया.
आज चाईबासा पुलिस ने सोनुवा थाना में माओवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में दो नक्सलियों को मार गिराया
यह सफलता मिलने के कुछ ही घंटे के बाद 22 जनवरी की सुबह सुरक्षाबलों ने बोकारो में इनामी नक्सली रणविजय महतो की पत्नी शांति समेत दो नक्सलियों को मार गिराया. इसी दिन लातेहार पुलिस ने जेजेएमपी उग्रवादी संगठन के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए मुठभेड़ के दौरान एक उग्रवादी को गिरफ्तार किया. उसके पास से एक रायफल भी बरामद हुई. इस घटना के कुछ दिन बाद 28 जनवरी को गिरिडीह पुलिस ने नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के सेंट्रल कमेटी मेंबर एक करोड़ के इनामी विवेक के दस्ते में शामिल दो नक्सलियों को गिरफ्तार किया.
इसके बाद लातेहार पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए उग्रवादी संगठन झारखंड जनमुक्ति परिषद के कमांडर दो लाख के इनामी जितेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया. है. इसके एक दिन बाद आज 29 जनवरी को चाईबासा पुलिस ने सोनुवा थाना में माओवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में दो नक्सलियों को मार गिराया.
झारखंड में 72 नक्सलियों पर इनाम घोषित है
झारखंड पुलिस की मोस्ट वांटेड लिस्ट में भाकपा माओवादी संगठन के चार और नक्सलियों को शामिल किया गया है. इनमें इसराइल पूर्ति, मीना डांगर, तीयू और सोनाराम शामिल हैं. साथ ही पुलिस ने इन सभी पर इनाम की भी घोषणा की है. इसके बाद झारखंड में इनामी नक्सलियों की संख्या बढ़कर 73 हो गयी है. हालांकि एक इनामी नक्सली रणविजय महतो और उग्रवादी जितेंद्र सिंह के गिरफ्तार होने से इसकी संख्या कम होकर 71 रह गयी है.
झारखंड में अब सिर्फ पांच जिले नक्सल प्रभावित
फिलहाल राज्य में सिर्फ पांच जिले (गिरिडीह, गुमला, लातेहार, लोहरदगा और पश्चिमी सिंहभूम) नक्सल प्रभावित रह गये हैं. देश के पांच राज्यों के 12 सबसे अधिक नक्सल प्रभावित जिलों की श्रेणी में झारखंड का सिर्फ एक जिला पश्चिमी सिंहभूम शामिल है.
झारखंड में नक्सलवाद की समस्या 95 फीसदी खत्म हो चुकी है
झारखंड में नक्सलवाद की समस्या 95 फीसदी खत्म हो चुकी है. छोटे-छोटे समूह में तब्दील होकर अपराधी और उग्रवादी संगठन आगजनी के साथ-साथ व्हाट्सएप कॉल पर कारोबारियों से रंगदारी की मांग कर रहे हैं. झारखंड में भाकपा माओवादी संगठन के कमजोर होते ही छोटे-छोटे अपराधी और उग्रवादी संगठन सक्रिय हो गये हैं. ये रंगदारी और लेवी वसूलने के लिए वाहनों में आगजनी और गोलीबारी की घटना को अंजाम दे रहे हैं.
झारखंड में इन नक्सलियों के दस्ते सक्रिय
– चाईबासा जिले के जराइकेला और टोंटो थाना क्षेत्र में मिसिर बेसरा, पतिराम मांझी, सिंगरई और अजय महतो का दस्ता सक्रिय है. इन दस्ते में 65 नक्सली कैडर शामिल हैं.
– चाईबासा जिले के गोइलकेरा और सोनूवा थाना क्षेत्र में मेहनत और अमित मुंडा का दस्ता सक्रिय है.दस्ते में 30 नक्सली कैडर हैं.
– बोकारो जिले के जागेश्वर बिहार थाना क्षेत्र में विवेक और रघुनाथ का दस्ता सक्रिय है. इस दस्ते में 23 नक्सली कैडर शामिल हैं.
– लातेहार जिले के चंदवा थाना क्षेत्र में रविंद्र गंझू का दस्ता सक्रिय है. इस दस्ते में पांच नक्सली कैडर हैं.
– चतरा जिले के लावालौंग थाना क्षेत्र में मनोहर गंझू का दस्ता सक्रिय है. इस दस्ते में तीन नक्सली कैडर शामिल हैं.
– पलामू जिले के मोहम्मदगंज और हैदरनगर थाना क्षेत्र में नितेश यादव का दस्ता सक्रिय है. इस दस्ते में छह नक्सली कैडर हैं.