तेलंगाना सीएम ने की हेमंत सोरेन से मुलाकात, इन मुद्दों पर की चर्चा

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव शुक्रवार को झारखंड पहुंचे।

Update: 2022-03-04 17:11 GMT

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव शुक्रवार को झारखंड पहुंचे । उन्होंने रांची में राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की। इस दौरान सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन सहित कई और लोग मौजूद रहे। इस दौरान केसीआर ने कहा कि अभी किसी मोर्चे को बनाने का काम नहीं किया गया है। देशभर के नेताओं और संगठनों से इस बात पर चर्चा की जा रही है। सभी को मिलकर देश को सही दिशा में ले जाना होगा।

केंद्र सरकार ठीक से काम नहीं कर रही: केसीआर
उन्होंने कहा कि देश की वर्तमान दशा ठीक नहीं है। केंद्र सरकार ठीक से काम नहीं कर रही है। हालांकि, मुलाकात के बाद से ही अटकलें लगाई जाने लगी हैं कि दोनों नेताओं ने राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी दलों का नया मोर्चा बनाने के मसले पर भी चर्चा की है। झारखंड दौरे के दौरान केसीआर ने बिहार रेजिमेंट के शहीद जवान कुंदन ओझा की पत्नी नम्रता ओझा को दस लाख रुपये की सहायता राशि भी प्रदान की।
कई अन्य सीएम से भी मिल चुके
इससे पहले केसीआर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से मुलाकात कर चुके हैं। तीन मार्च को राव ने दिल्ली में भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी और भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैट से भी मुलाकात की थी।
शहीद की पत्नी को दी मदद
चंद्रशेखर राव ने बिहार रेजिमेंट के शहीद जवान कुंदन ओझा के परिवार से भी मुलाकात की। यह मुलाकात दोनों राज्यों को साथ लाने के तौर पर भी देखी जा रही है। दरअसल, गलवान घाटी में चीन के साथ झड़प में बिहार रेजिमेंट के शहीद कर्नल बी संतोष बाबू तेलंगाना के सूर्यापेट के रहनेवाले थे। संतोष बाबू के साथ झारखंड के रहने वाले बिहार रेजिमेंट के जवान कुंदन ओझा अंगरक्षक के तौर पर साथ थे। दोनों की एक साथ शहादत को दोनों राज्यों के बीच भावनात्मक रिश्ते में बदलने की कोशिश है।
केंद्र के विरोध की वजह!
तेलंगाना राष्ट्र समिति के अध्यक्ष केसीआर कुछ दिनों पहले तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रशंसक रहे थे। राज्यसभा में जब भी विधेयकों को पास कराने की जरूरत पड़ी तो उनकी पार्टी ने केंद्र का साथ दिया। बदलते राजनीतिक घटनाक्रम में केसीआर ने पीएम मोदी और भाजपा के विरोध में मोर्चा संभाल लिया है। जानकार बताते हैं कि इसकी वजह तेलंगाना में टीआरएस को भाजपा से मिल रही चुनौती हो सकती है।


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