झारखण्ड: सीएम हेमंत सोरेन को गुरुवार को ईडी के समझ पेश होना था. ईडी ने पूछताछ के लिए सीएम को समन भेजा था. पहले 14 अगस्त को पूछताछ के लिए बुलाया गया था, तब सीएम ने इस पर एतराज जताते हुए ईडी से अविलंब समन वापस लेने का आग्रह किया था. वहीं, दोबारा समन भेजकर 24 अगस्त को पूछताछ के लिए सीएम को बुलाया गया था, लेकिन वह फिर ईडी के समक्ष पेश नहीं हुए. वहीं, ED के समन के खिलाफ सीएम हेमंत सोरेन सुप्रीम कोर्ट पहुंचे. मुख्यमंत्री ने समन के खिलाफ रिट पिटिशन दायर किया. जमीन घोटाला मामले में सीएम से पूछताछ होनी थी. सोरेन ने पत्र भेजकर समन को चुनौती दी.
सीएम को किस मामले में भेजा गया था समन?
ED ने जमीन घोटाला मामले में 13 और 26 अप्रैल को छापेमारी की थी
छापेमारी के दौरान 13 अप्रैल को राजस्व कर्मचारी भानुप्रताप के घर से बक्सा मिला
बक्से के अंदर से जमीन से जुड़े दस्तावेज भी बरामद किए गए थे
इसके अलावा रांची और जमशेदपुर में 5 ठिकानों पर ED ने मारा था छापा
बड़ी संख्या में जमीन की खरीद-बिक्री से संबंधित दस्तावेज बरामद हुए थे
मामले में अब तक कई आरोपियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया जा चुका है
जमीन घोटाला मामले में प्रेम प्रकाश और छवि रंजन से पूछताछ की जा चुकी है
प्रेम प्रकाश से पूछताछ के बाद सीएम सोरेन को समन भेजा गया
क्या होता है रिट पिटिशन?
रिट शब्द का मतलब होता है लिखित में आदेश देना. रिट पिटिशन किसी भी न्यायिक या अर्द्ध-न्यायिक संस्था के खिलाफ जारी हो सकती है. इसके जरिए सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट न्यायिक या अर्द्ध-न्यायिक संस्था को अधिकार क्षेत्र से बाहर निकलकर काम करने से रोकती है. रिट जनता के मूल अधिकारों के संरक्षण की गारंटी देता है. अगर किसी संस्था या सरकार के नियम या कार्रवाई से मौलिक अधिकार का हनन होता है, तो रिट पिटिशन दायर कर सकते हैं.