खुरपी-कुदाल सहित 108 कृषि यंत्रों पर अनुदान

Update: 2023-08-02 09:30 GMT

बेगूसराय न्यूज़: राज्य के छोटे किसानों को इस बार खुरपी, हंसुआ, कुदाल खरीदने के लिए भी अनुदान मिलेगा. पहली बार इन यंत्रों को कृषि यांत्रिकीकरण में शामिल किया गया है. कुल 108 कृषि यंत्रों की खरीद के लिए 119 करोड़ रुपये अनुदान दिए जाएंगे.

चतुर्थ कृषि रोड मैप में विशेषज्ञों के सुझाव के बाद खुरपी, कुदाल पर अनुदान देने का निर्णय लिया गया है. खुरपी, दांतेदार उन्नत हंसुआ, कुदाल, मैनुअल विडर और हैंडमेज शेलर के पैकेज की कीमत एक हजार रुपये आंकी गई है. इस पर 80 फीसदी यानी करीब 800 रुपये अनुदान दिए जाएंगे. फसल अवशेष प्रबंधन के यंत्रों पर योजना की कुल राशि का 33 फीसदी खर्च होगा. इसमें हैपी सीडर, सुपर सीडर, स्ट्रा बेलर, स्ट्रा रीपर, रीपर कम बाइंडर, जीरोटील सीड ड्रिल, मल्चर, रीपर आदि शामिल हैं.

21 नए यंत्र किए गए शामिल इस बार 21 प्रकार के नए यंत्रों को अनुदान योजना में शामिल किया गया है. इन पर सामान्य श्रेणी के लोगों को 40 फीसदी और एससी-एसटी को अधिकतम 50 फीसदी अनुदान दिया जाएगा. हालांकि, सोलर पैनल के साथ एनिमल रिप्लेंट मशीन पर सामान्य वर्ग को 75 फीसदी और एससी-एसटी को 80 फीसदी अनुदान दिया जाएगा

41 यंत्रों पर एससी-एसटी का अनुदान बढ़ा

इस बार 41 प्रकार के यंत्रों की खरीद पर अत्यंत पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों को ज्यादा अनुदान दिया जाएगा. इन तीनों वर्ग के किसानों को पिछले साल 50 फीसदी अनुदान दिया गया था. इस बार 60 फीसदी अनुदान दिया जाएगा. वहीं, इन यंत्रों की खरीद पर सामान्य वर्ग को पूर्व वर्षों की भांति 50 फीसदी अनुदान दिया जाएगा. इसमें रीपर, सीड ड्रिल, पैडी ट्रांसप्लांटर, पोटैटो प्लांटर, सुगरकेन कटर, मिनी दाल मिल, रोटावेटर, कल्टीवेटर, पावर स्प्रेयर आदि शामिल है.

46 यंत्रों पर अनुदान यथावत

अन्य 46 यंत्रों पर अनुदान यथावत रखा गया है. इसमें रोटरी मल्चर, सुपर सीडर, हैपी सीडर, स्ट्रा वेलर, जीरो टीलेज, रीपर, ब्रस कटर, पावर टीलर, मल्टीक्रॉप थ्रेसर, पैडी थ्रेसर आदि शामिल हैं. इनपर श्रेणी के हिसाब से 75 से 80 फीसदी तक अनुदान दिया जाएगा.

मखाना पॉपिंग को बढ़ावा

राज्य सरकार मखाना को प्रोत्साहित कर रही है. यही कारण है कि मखाना पॉपिंग मशीन की खरीद पर इस बार ज्यादा अनुदान दिया जाएगा. सामान्य वर्ग को इस मशीन की खरीद पर 70 फीसदी अनुदान मिलेगा. वहीं, अत्यंत पिछड़ा वर्ग, एससी और एसटी वर्ग को 80 फीसदी अनुदान दिया जाएगा. पिछले साल इस पर सभी किसानों को 50 फीसदी अनुदान दिया गया था.

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