डीजीपी के नाम का ऐलान नहीं होने से कयास तेज

Update: 2023-02-15 06:57 GMT

राँची न्यूज़: झारखंड में डीजीपी नीरज सिन्हा की सेवानिवृत्ति के बाद अबतक नए डीजीपी के नाम की घोषणा नहीं हो पायी है. डीजीपी की सेवानिवृत्ति के बाद नए डीजीपी का ऐलान हो जाना चाहिए था, ताकि सेवानिवृत्त होने वाले डीजीपी अपना पदभार नए डीजीपी को सौंप पाते.

इधर, नए डीजीपी के चयन को लेकर भी तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. चर्चा है कि नियमिति नियमित डीजीपी के बजाय राज्य सरकार प्रभारी डीजीपी बनाने पर भी विचार कर रही है. इसके लिए विधिक राय लिए जाने की बात भी सामने आ रही है.

यूपी में भी प्रभारी डीजीपी प्रकाश सिंह बनाम भारत सरकार के मामले में डीजीपी की नियुक्ति दो सालों के लिए यूपीएससी के पैनल के जरिए करने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया था, लेकिन राज्यों में प्रभारी डीजीपी के पद पर भी अफसरों की तैनाती होती रही है. नीरज सिन्हा को डीजीपी बनाए जाने के पूर्व राज्य सरकार ने एमवी राव को प्रभारी डीजीपी बनाया था. वहीं यूपी में भी 11 मई 2022 को मुकुल गोयल को हटाकर देवेंद्र सिंह चौहान को प्रभारी डीजीपी बनाया गया है. आठ माह से अधिक वक्त से यूपी में प्रभारी डीजीपी तैनात हैं. ऐसे में झारखंड में भी किसी अधिकारी को प्रभारी डीजीपी बनाने की चर्चा चल रही है. हालांकि यूपीएससी ने अजय भटनागर, अजय कुमार सिंह और अनिल पाल्टा का नाम डीजीपी चयन के पैनल में भेजा है.

डीजीपी नहीं बनाने से गलत संदेश बाबूलाल

भाजपा विधायक दल के नेता सह पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने डीजीपी की नियुक्ति नहीं होने पर राज्य सरकार को घेरा है. उन्होंने कहा कि नीरज सिन्हा के रिटायर होने और स्वत पद त्याग देने के बाद से झारखंड में डीजीपी का पद खाली है. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के आलोक में यूपीएससी द्वारा चुनकर भेजे गये तीन नामों में से किसी एक को डीजीपी बनाना है. इस नियुक्ति को लटकाकर एवं इतने महत्व के संवेदनशील पद को खाली रखकर मुख्यमंत्री घोर असंवैधानिक काम कर रहे हैं. इससे गलत मैसेज जा रहा है. तरह-तरह की चर्चा हो रही है. ये राज्य की सेहत के लिये अच्छी बात नहीं है. बाबूलाल मरांडी ने कहा कि हेमंत सोरेन इस पद का मजाक न बनाएं. पैनल से किसी को भी डीजीपी बनाकर कयासों का बाजार बंद करें.

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