सिर्फ 50 हजार में चार मजदूरों को बेचा, आरोपियों को ढूंढ़ रही पुलिस

जिरवाबाड़ी थाना क्षेत्र के सोतीचौकी खुठहरी के चार मजदूरों को काम दिलाने के नाम पर गांव के ही दो दलालों द्वारा पश्चिम बंगाल के ठेकेदार को बेच देने का मामला सामने आया है

Update: 2022-08-19 09:54 GMT
Sahibganj: जिरवाबाड़ी थाना क्षेत्र के सोतीचौकी खुठहरी के चार मजदूरों को काम दिलाने के नाम पर गांव के ही दो दलालों द्वारा पश्चिम बंगाल के ठेकेदार को बेच देने का मामला सामने आया है. स्थानीय पुलिस और ग्रामीणों के दबाब में चार दिनों तक बंधक रहने के बाद सभी मजदूरों को पैसे देकर सभी मजदूरों को छुड़ा लिया गया लेकिन इस दौरान कथित दोनो दलाल पुलिस के चंगुल में आने से पहले ही फरार हो गए,पुलिस फिलहाल दोनो आरोपियों की तलाश कर रही है.
ऐसे हुआ मामले का खुलासा
मजदूरों को बेचे जाने के इस मामले का खुलासा तब हुआ जब चार मजदूरों में से एक मुन्ना रिखियासन की मां सांवरिया मोसोमात ने इस संबंध में जीरवाबाडी थाना में लिखित शिकायत की और पुलिस से अपने बेटे की सकुशल वापसी की गुहार लगाई. मिली शिकायत के आलोक में पुलिस ने जब जांच शुरू की तो इस पूरे प्रकरण में गांव के ही दो व्यक्ति दिलीप चौधरी और मुन्ना चौधरी की संलिप्तता पाई गई.मामले की जांच कर रहे जिरवाबाड़ी थाना के एसआई सतीश कुमार सोनी ने इस संबंध में बताया कि शिकायत दर्ज होने के बाद ग्रामीणों ने भी अपनी ओर से पहल की तो वहीं कथित दलाल दिलीप चौधरी और मुन्ना चौधरी भी मजदूरों को वापस कराने की जुगत में लग गए. बताया जा रहा है कि दोनों आरोपियों ने मुन्ना रिखियासन के अलावे साजन रिखियासन, भोला रिखियासन और होरिल पंडित को पश्चिम बंगाल के कालियाचक में 50 हजार रूपए में ठेकेदार के हाथ बेच दिया था.
चार दिनों तक बंधक रहे मजदूर
स्थानीय स्तर पर लोगों के विरोध और पुलिस की सक्रियता बढ़ने पर आरोपी दिलीप चौधरी और मुन्ना चौधरी ठेकेदार को 45 हजार रूपए वापस कर सभी मजदूरों को साहिबगंज वापस लेकर आने में कामयाब तो रहे लेकिन इस दौरान दिलीप चौधरी और मुन्ना चौधरी गांव से फरार भी हो गए. पुलिस अब उनकी तलाश कर रही है. वहीं आरोपी दिलीप चौधरी की पत्नी ने माना कि मजदूरों के एवज में दिलीप चौधरी ने पैसे लिए थे और वह पैसा वापस कर सभी को छुडाने भी गए. सभी मजगूर 14 अगस्त से 17 अगस्त तक ठेकेदार के पास बंधक भी रहे और इस दौरान ठेकेदार ने मजदूरों के साथ मारपीट भी की. वापस लौटे मजदूरों ने भी इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि पैसा लौटाने में देर होने के कारण ठेकेदार की ओर से मारपीट की गई थी.
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