सात लाख बच्चों को नहीं मिली पोशाक व स्कूल किट की राशि, 31 मार्च तक नहीं मिली तो राशि होगी लैप्स
राँची न्यूज़: झारखंड के सरकारी स्कूलों के करीब सात लाख बच्चों को अब तक पोशाक व स्कूल किट की राशि नहीं मिल सकी है. अगर 31 मार्च तक उन्हें राशि नही दी गई तो यह राशि लैप्स कर जाएगी और उन्हें पोशाक व स्कूल किट के लिए राशि का भुगतान नहीं हो सकेगा. अभी भी 80 फीसदी के करीब ही बच्चों को पोशाक व स्कूल किट का राशि का वितरण किया गया है. स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग द्वारा लगातार निर्देश देने के बाद भी सभी बच्चोंको अब तक इसका लाभ नहीं मिल सका है.
झारखंड में वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए अगस्त 2022 में ही स्कूल किट की राशि और सितंबर-अक्टूबर में पोशाक की राशि जारी कर दी गई थी. झारखंड के स्थापना दिवस 15 नवंबर से बच्चों को नई पोशाक में स्कूल आना था, लेकिन ऐसा नहीं हो सका. बाद में समय सीमा 31 दिसंबर, फिर 31 जनवरी और इसके बाद 28 फरवरी तक बढ़ाई गई, लेकिन अभी भी सभी बच्चों को इसका लाभ नहीं मिल सका है.
सभी बच्चों तक स्कूल किट व पोशाक की राशि नहीं मिलने में सबसे बड़ी समस्या बच्चों के बैंक खाता नहीं होने की वजह से आ रही है. जिन बच्चों का बैंक खाता नहीं है उनके माता-पिता के खाते में राशि दी जानी है, लेकिन वह भी कारगर साबित नहीं हो रहा है. शिक्षा विभाग ने बैंकों में खाता खुलवाने के लिए दो बार प्रखंड स्तर पर कैंप भी लगाया, डाकघर में बच्चों का खाता खोलने का भी निर्देश दिया, लेकिन यह भी पूरी तरह सफल नहीं हो पाया है. कम अभिभावकों ने ही इस पर रुचि दिखाई.
नकद राशि का हो सकता है भुगतान
स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग वैसे बच्चे जिनका बैंक खाता नहीं है और जिनके माता-पिता का भी बैंक खाता नहीं है, उन्हें पोशाक व स्कूल किट की राशि नकद भुगतान कर सकती है. ऐसा करने से बच्चों को 31 मार्च से पहले राशि मिल जाएगी और राशि लैप्स नहीं होगा. राज्य सरकार की अनुमति के बाद नगद राशि का भुगतान किया जाएगा.
राशि निकाल रहे, लेकिन नहीं खरीद रहे पोशाक
सरकारी स्कूलों में जिन बच्चों को पोसाक की राशि दे दी जा रही है उसमें से भी सभी पोशाक नहीं खरीद रहे हैं. हर स्कूल में ऐसे अभिभावकों की कुछ न कुछ संख्या मिल जाएगी जिन्होंने पोशाक की राशि निकाल ली है, लेकिन पोशाक अब तक नहीं दिलाया है. अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के मुख्य प्रवक्ता नसीम अहमद ने कहा कि स्कूल अभिभावकों पर दबाव नहीं बना पा रहा है. ऐसे अभिभावक कहते हैं कि 600 रुपये में कैसे पोशाक खरीदे.
वित्त रहित शिक्षाकर्मियों को भी नहीं मिला अनुदान
राज्य के करीब 596 वित्त रहित संस्थानों को अब तक 2022-23 का अनुदान नहीं मिला है. 31 मार्च के पूर्व इनका भुगतान नहीं हुआ तो अनुदान के रूप में दी जाने वाली 90 करोड़ की राशि लैप्स हो जाएगी. वित्त रहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोर्चा के रघुनाथ सिंह ने कहा कि राज्य के 170 इंटर कॉलेज, 350 हाई स्कूल, 33 संस्कृत विद्यालय और 43 मदरसा ने अनुदान के लिए आवेदन दिया है. 20 मार्च तक अनुदान नहीं मिला तो मोर्चा आंदोलन करेगा. 2018-19 और 2019-20 में भी राशि लैप्स हो गई थी. मोर्चा ने संस्थानों के खाते में ही अनुदान की राशि देने की सरकार से मांग की है.