झारखंड में मोबाइल मेडिकल यूनिट की सेवाएं की जाएंगी

Update: 2023-04-25 07:29 GMT

राँची न्यूज़: राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सामान्य स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए संचालित मोबाइल मेडिकल यूनिट बंद की जाएंगी. ऐसा एक बार में नहीं किया जाएगा, बल्कि चरणबद्ध तरीके से धीरे-धीरे अगले पांच सालों में राज्य में संचालित सभी मोबाइल मेडिकल यूनिट को हटा लिया जाएगा. लेकिन मोबाइल मेडिकल यूनिट को हटाने से पहले राज्य में संचालित सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों एवं स्वास्थ्य उपकेंद्रों को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में तब्दील किया जाएगा.

हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों में 12 पैकेज में प्राथमिक स्वास्थ्य की व्यापक सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएंगी. स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार के संयुक्त सचिव विशाल चौहान ने स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह को इस बाबत निर्देश भेजा है. केंद्र सरकार के पत्र के आलोक में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, झारखंड के अपर अभियान निदेशक विद्यानंद शर्मा पंकज ने राज्य के सभी सिविल सर्जन को अग्रेतर कार्रवाई का निर्देश दिया है.

राज्य में प्रति 10 लाख की आबादी पर एक मोबाइल मेडिकल यूनिट (एमएमयू) संचालित है. प्रावधान के अनुसार एमएमयू में अन्य पारामेडिकल कर्मियों के साथ-साथ एक एमबीबीएस डॉक्टर की उपलब्धता भी जरूरी है. लेकिन राज्य में एमएमयू के लिए एमबीबीएस डॉक्टर नहीं मिल रहे हैं. इसके लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र भेजकर एमबीबीएस की जगह पर आयुष चिकित्सकों की सेवा लेने की अनुमति मांगी गई थी. स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार की विशेषज्ञ समूह समिति ने इसकी अनुमति प्रदान कर दी है. स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखकर कहा गया है कि राज्य में एमएमयू के सुचारू एवं नियमित संचालन के लिए जिन स्थानों पर किसी कारणवश एमबीबीएस चिकित्सक उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं, उनके स्थान पर आयुष चिकित्सक की सेवा ली जा सकती है.

स्थानीय स्तर पर मिलेंगी स्वास्थ्य सुविधाएं:

राज्य की जनता को अपने घर के आसपास ही स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने को लेकर सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों एवं स्वास्थ्य उपकेंद्रों को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में तब्दील किया जा रहा है. मोबाइल मेडिकल यूनिट की सेवाएं समाप्त होने से पहले सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर सुचारू रूप से कार्यशील कर लिए जाएंगे. हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों को स्वास्थ्य के सामूहिक सामुदायिक जिम्मेवारियों के प्रति गंभीर बनाया जा रहा है. इसके लिए हर सेंटर में स्थानीय प्रतिनिधित्व बढ़ाया जा रहा है, ताकि स्थानीय लोग अपनी जरूरतों के हिसाब से इसमें सुधार कर सकें.

सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों में कुल 12 पैकेज में प्राथमिक स्वास्थ्य की सामान्य सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएंगी. इसके तहत मातृत्व स्वास्थ्य, नवजात एवं शिशु स्वास्थ्य, बाल एवं युवा स्वास्थ्य, गंभीर संक्रामक रोगों का प्रबंधन, बेसिक ओपीडी एवं संक्रामक रोग प्रबंधन, गैर संक्रामक रोगों का प्रबंधन, मानसिक स्वास्थ्य, दांतों की देखभाल, नेत्र एवं ईएनटी देखभाल, बुजुर्गों की देखभाल एवं आपातकालीन दवाएं उपलब्ध करायी जाएंगी.

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