Hazaribagh हज़ारीबाग़ : आईसेक्ट विवि में सेमिनार का आयोजन हुआ. आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ व मनोविज्ञान विभाग की ओर से सेमिनार का आयोजन किया गया. इसमें मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने के विषय पर चर्चा हुई. मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ के सहायक प्राध्यापक डॉ रोहित कुमार तूरी ने कहा कि हमें शारीरिक, मानसिक, सामाजिक एवं संवेदनात्मक रूप से स्वस्थ होना जरूरी है. कहा कि विद्यार्थी जीवन के लिए मानसिक स्वास्थ्य बहुत जरूरी है. मानसिक स्वास्थ्य को मानव स्वास्थ्य की नींव होती है. सेमिनार में कुलपति प्रो पीके नायक ने मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य परिदृश्य को लेकर चर्चा की.
विद्यार्थी सोशल मीडिया के आदि ना बनेंः प्रो पीके नायक
नायक ने कहा कि विद्यार्थी सोशल मीडिया के आदि ना बनें. जरूरत के लिहाज से सीमित समय तक ही उसका उपयोग करें. कुलसचिव डॉ मुनीष गोविंद ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा दिए जाने की जरूरत है. हजारीबाग सिविल कोर्ट की अधिवक्ता व मानसिक रोग परामर्शदाता प्रगति शर्मा ने उक्त विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ड्रीम और रियलिटी की दुनिया में अंतर होता है. आज जो आप हैं, उस पर फोकस करें और आगे बढ़ें.
देश में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर चुनौतियां गंभीरः डॉ रविंद्र
देवघर एम्स के टेक्निकल ऑफिसर खगेश्वर कुमार ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी कॉम्पिटेटिव माहौल का कुछ ज्यादा ही स्ट्रेस ले रही है. इससे अपनी बातों और समस्याओं को लेकर रेस्पॉन्ड नहीं कर पा रही है. बीसीसीएल धनबाद के कम्युनिकेशन स्किल ट्रेनर डॉ रविंद्र विश्वकर्मा ने कहा कि भारत में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर चुनौतियां गंभीर है. जिस पर जागरूकता, काउंसिलिंग आदि माध्यमों को जरिए हद तक काबू पाया जा सकता है. मंच संचालन व धन्यवाद ज्ञापन डॉ प्रीति वर्मा ने किया. सेमिनार में डॉ रोजी कांत, डॉ जयदीप सान्याल, डॉ रितेश कुमार, राजेश कुमार समेत प्राध्यापक-प्रध्यापिकाओं, कर्मियों व विद्यार्थी मौजूद थे