सरयू ने बाजार समिति टैक्स बढ़ोतरी का मामला उठाया

Update: 2023-03-17 10:16 GMT

जमशेदपुर न्यूज़: जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने कृषि बजट पर अपने भाषण के दौरान विधानसभा में कृषि उत्पादन बाजार समिति अधिनियम के प्रावधान पर पुनर्विचार करने और इसे व्यावहारिक बनाने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि सरकार को पड़ोसी राज्यों में कृषि उत्पादन बाजार समितियों की कार्यप्रणाली का अध्ययन करना चाहिए. साथ ही अधिनियम में संशोधन करे, टैक्स निर्धारण और टैक्स वृद्धि वापस लेना चाहिए.

उन्होंने सदन को बताया कि बाजार टैक्स वृद्धि और राज्य जीएसटी लेने का तुलनात्मक अध्ययन करें और देखें कि बाजार समिति का टैक्स बढ़ाने का क्या असर जीएसटी पर पड़ेगा. पड़ोसी राज्यों में बाजार समिति टैक्स झारखंड से कम है या वहां बाज़ार समिति कार्यरत ही नहीं है तो स्वाभाविक है कि झारखंड के बड़े उपभोक्ता पड़ोसी राज्य से सामान खरीदेंगे और झारखंड को जीएसटी नहीं मिलेग. सब कृषि बाजार समितियों को जोड़ दिया जाए तो इनके पास करीब 500 करोड़ रुपये जमा है. दूसरी ओर, बाजार समितियों की दुकानों और यहां की सड़कों और यहां कि जनसुविधाओं की स्थिति खस्ताहाल है. सरकार जमा पैसे का उपयोग बाजार समितियों की स्थिति सुधारने में करे और बाजार समितियों की खाली जमीन को विकसित कर पूंजी की व्यवस्था करे. उन्होंने कृषि मंत्री से यह बताने के लिए कहा कि झारखंड खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर है या नहीं और यहां खाद्यान्न का कितना व्यापार बाहर के आगम से होता है. वास्तविकता यह है कि झारखंड में खाद्यान्न उत्पादन कम है. ट्रेडिंग ज्यादा है.

बाजार समिति का उद्देश्य किसानों को उनके उत्पादनों के लिए बाजार उपलब्ध कराना है, पर झारखंड में ऐसा नहीं हो रहा है. उल्टे ट्रेडिंग हो रही है. ऐसी स्थिति में सरकार को चाहिए कि वह बाजार समिति अधिनियम के प्रावधानों पर पुनर्विचार करे. टैक्स घटाए और उपयोगिता बढ़ाए. कृषि बजट के दस्तावेज को दुरुस्त करे. इसे सरल शब्दों में तैयार कराए. आंकड़ों की विसंगति दूर करे. कृषि सांख्यिकी को अद्यतन करें, कृषि सर्वेक्षण शुरू कराए. उन्होंने सब्जी उत्पादन, अंडा उत्पादन, दुग्ध उत्पादन को टिकाऊ बनाने, सब्जियों के मौसम में उनके रखरखाव की व्यवस्था कराने, कोल्ड चेन बनाने तथा किसानों की जमीनी आमदनी बढ़ाने का लक्ष्य पूरा कराने की बात कही.

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