राँची न्यूज़: पलमा-गुमला के बीच फोरलेन सड़क के लिए अधिग्रहित दस एकड़ जमीन पर विवाद होने से मुआवजा फंस गया है. इस दस एकड़ जमीन में कुछ पर टाइटल सूट चल रहा है. कुछ जमीन की खरीद-बिक्री भी अर्जन की अधिसूचना जारी होने के बाद की गयी. विवाद रहने के कारण जमीन का मुआवजा नहीं दिया जा रहा है.
अधिसूचना जारी होने के बाद जमीन की खरीद-बिक्री पर मुआवजा नहीं दिया जाएगा. नियमों के अनुसार जमीन अधिग्रहण की प्रारंभिक अधिसूचना जारी होते ही जमीन की खरीद-बिक्री पर रोक लगा दी जाती है. अब ये सारे विवाद न्यायालय में जाएंगे. इस दस एकड़ जमीन के लिए आठ करोड़ मुआवजा राशि रैयतों के बीच दिया जाना है. पलमा-गुमला सेक्शन के तहत फोरलेन का काम जारी है. इसके लिये 205 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया था. इसमे से 118 एकड़ जमीन का मुआवजा भुगतान कर दिया गया है. प्रशासन ने लगभग 107 करोड़ का भुगतान मुआवजे के तौर पर किया है. लेकिन, 10 एकड़ भूमि पर विवाद हो गया है. इसको लेकर मामला फंस गया है.
सड़क बनने से ये होगा लाभ:
नेशनल हाइवे 23 की यह सड़क काफी महत्वपूर्ण है. गुमला सहित झारखंड से सटे कई राज्यों को यह सड़क जोड़ती है. पिस्कामोड़ से पलमा तक सड़क पहले ही फोरलेन हो चुकी है. वहीं अब पलमा से गुमला की 63 किमी सड़क के फोरलेन होने से बड़े वाहनों के साथ-साथ छोटे वाहनों के आवागमन में सुविधा होती. बेड़ो बाजार के पहले और गुमला के पहले बाइपास निर्माण की भी योजना इसी के तहत ली गयी है.
फोर लेन प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद समय की भी बचत होगी.
इस सड़क के फोर लेन होने से राजधानी रांची की कनेक्टिविटी लोहरदगा, नेतरहाट, पीटीआर, लातेहार, कोलेबिरा के अलावा राउरकेला के बीच आसान हो जाएगी.