झारखंड विधानसभा में हंगामा, प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने रोका
झारखंड में स्थानीय नीति तय करने का मामला तूल पकड़ रहा है.
झारखंड में स्थानीय नीति तय करने का मामला तूल पकड़ रहा है. सोमवार को इस मुद्दे पर झारखंड विधानसभा के अंदर और बाहर विधायकों ने प्रदर्शन किया. इसी मुद्दे पर झारखंड विधानसभा का घेराव करने जा रहे आजसू पार्टी के कार्यकतार्ओं को पुलिस ने रांची की बाहरी सीमाओं पर जहां-तहां रोक दिया.
बीजेपी के विधायकों ने की नारेबाजी
सोमवार को झारखंड विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले बीजेपी के विधायकों ने विधानसभा के मुख्य द्वार पर धरना दिया और नारेबाजी की. विधायक ढुल्लूमहतो ने कहा कि जब से यह सरकार बनी है स्थानीयता और भाषा के नाम पर जनता को बरगला रही है. सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि झारखंड में स्थानीय कौन हैं. सदन में भी मामला आया लेकिन सरकार का कोई स्पष्ट जवाब नहीं आया. उन्होंने कहा कि आज ही जब मैं अपने क्षेत्र से निकला तो रास्ते भर युवाओं का जत्था सड़क पर आंदोलनरत था. यह सरकार की नाकामी को दशार्ता है. सरकार को जल्द स्थानीय नीति स्पष्ट करनी होगी. वहीं धरना पर बैठे आजसू विधायक लंबोदर महतो ने कहा कि सरकार को 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति लागू करनी होगी.
बीजेपी विधायक बिरंचि नारायण ने सदन में उठाए ये सवाल
विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही बीजेपी विधायक बिरंचि नारायण ने सदन में यह मामला उठाया. उन्होंने कहा कि आज राज्य में सबसे बड़ा सवाल स्थानीयता को लेकर है. स्थानीय कौन है ? इस सवाल पर सरकार ने अपना स्टैंड स्पष्ट नहीं किया तो राज्य में आग लग सकती है. राज्य सरकार की चुप्पी ठीक नहीं. बीजेपी की सरकार ने स्थानीयता स्पष्ट की थी. तय हुआ था कि 1985 से जो लोग झारखंड में रह रहे हैं उन्हें स्थानीय माना जाएगा. मौजूदा सरकार ने उस नीति को रद्दी की टोकरी में डाल दिया है. इससे राज्य में माहौल खराब हो गया है.
कार्यकर्ताओं को जहां-तहां रोके जाने पर भी हंगामा
इधर इसी मुद्दे पर विधानसभा घेराव करने रांची पहुंचे कार्यकर्ताओं को जहां-तहां रोके जाने पर भी हंगामा हुआ. आजसू पार्टी के अध्यक्ष एवं दिल्ली के विधायक सुदेश महतो पुलिस की कार्रवाई के विरोध में विधानसभा में हेलमेट पहनकर पहुंचे. उन्होंने कहा कि सरकार यह बताए कि क्या वाजिब मुद्दों को लेकर जनता को प्रदर्शन की इजाजत है या नहीं?
निर्दलीय विधायक सरयू राय ने जताया विरोध
निर्दलीय विधायक सरयू राय और बीजेपी के विधायक भानु प्रताप शाही ने भी राजधानी में जहां-तहां लोगों को रोके जाने पर विरोध जताया. सरयू राय ने कहा कि उन्हें तो मॉर्निंग वॉक करने से भी रोका गया. बीजेपी विधायक शशिभूषण मेहता ने पुलिस पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया. हंगामे के बीच कांग्रेस विधायक बंधु तिर्की ने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाकर जल्द स्थानीय नीति तय करे.