राँची न्यूज़: रिम्स की व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त करने को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने पूरा खाका तैयार कर लिया है. लेकिन रिम्स गवर्निंग बॉडी के अध्यक्ष सह स्वास्थ्य मंत्री रिम्स की व्यवस्था सुधारने को लेकर गंभीर नहीं हैं.
परिणाम है कि रिम्स गवर्निंग बॉडी की सहमति के इंतजार में व्यवस्था सुधार का विभागीय खाका महज फाइल के पन्नों में ही सिमटरकर रह गया है. रिम्स की व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (संशोधन) विनियमावली 2022 का गठन किया है. विभागीय सहमति के बाद इसे लागू किए जाने को लेकर रिम्स की गवर्निंग बॉडी (जीबी) की सहमति जरूरी है. जीबी की बैठक बुलाने का अधिकार जीबी के अध्यक्ष सह स्वास्थ्य मंत्री को है. लेकिन जीबी अध्यक्ष बैठक बुलाने को तैयार नहीं हैं.
जीबी अध्यक्ष ही कर रहे नियमों का उल्लंघन
राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान विनियम 2014 में स्पष्ट कहा गया है कि जीबी की बैठक उतनी बार होगी, जैसा कि समय-समय पर अध्यक्ष के द्वारा निर्धारित किया जाएगा. लेकिन जीबी की बैठक आवश्यक रूप से कम से कम तीन महीने में एक बार होगी. लेकिन जीबी के अध्यक्ष सह स्वास्थ्य मंत्री ही रिम्स के नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं. यही नहीं, उल्लेख है कि अध्यक्ष किसी भी समय बैठक बुला सकते हैं, बशर्ते कम से कम नौ सदस्यों द्वारा विषय विशेष उल्लेखित करते हुए, लिखित मांगपत्र उनके सामने प्रस्तुत किया जाए. साधारण बैठकों के लिए सदस्य सचिव के द्वारा सभी सदस्यों को दो सप्ताह पूर्व इसकी सूचना कार्यसूची के साथ भेजी जाएगी. लेकिन इसका भी पालन नहीं किया जाता है.