खुलासा: आर्मी के नायक ने कराई थी दूध कारोबारी की हत्या

Update: 2023-02-23 07:20 GMT

धनबाद न्यूज़: बैंक मोड़ थाना क्षेत्र के मटकुरिया मुक्तिधाम के पास हुई दूध कारोबारी धर्मेंद्र यादव की हत्या के मामले में पुलिस ने आरोपी मृतक के भतीजे आरा एकावना उदवंत नगर निवासी मनीष गोप उर्फ छोटू यादव और उसके भाई अरविंद यादव उर्फ लालू को की सुबह धनबाद स्टेशन के दक्षिणी छोर इलाके से गिरफ्तार किया. दोनों ने पुलिस के समक्ष धर्मेंद्र की हत्या के मामले में सनसनीखेज खुलासा किया है. उन्होंने बताया कि कश्मीर में आर्मी की 11वीं बिहार रेजिमेंट में पदस्थापित नायक अरविंद यादव उर्फ मुन्ना यादव ने उसके चाचा धर्मेंद्र की हत्या की साजिश रची थी.

बयान में मनीष और अरविंद ने बताया कि आरा गेठहुला निवासी मुन्ना यादव ने ही धोवाटांड़ शास्त्रत्त्ी नगर सरोज अपार्टमेंट के पास रहने वाले धर्मेंद्र की हत्या के लिए आरा के किसी रोहित नामक शूटर के पास उन्हें भेजा था. हत्या के लिए शूटर ने एक लाख रुपए की सुपारी ली थी. शूटर ही पिस्टल लेकर आया था. धर्मेंद्र की हत्या के लिए मनीष और अरविंद रोहित के साथ दो दिन पहले 20 अक्तूबर 2022 को धनबाद आए थे. 20 और 21 अक्तूबर को उन्होंने धर्मेंद्र की रेकी की. 22 अक्तूबर 2022 की सुबह करीब 5.15 बजे धर्मेंद्र दूध दुहने के लिए खटाल की तरफ जा रहे थे, उसी दौरान मटकुरिया मुक्तिधाम के पास मनीष ने चाचा की तरफ इशारे करते हुए कहा यही है मारो-मारो..., इतना सुनते ही रोहित ने पिस्टल निकाल कर छह फायर धर्मेंद्र पर झोंक दी. फायरिंग के बाद तीनों लोग रेलवे लाइन पार कर न्यू मटकुरिया शंकर सैलून के पास पहले से रिजर्व आजाद नामक चालक की कार में बैठ कर मधुबन (पारसनाथ) चले गए. वहां से दोनों भाई पहले आरा और फिर अपने मामा के घर मुंबई में जाकर छिप गए. दोनों धनबाद कोर्ट में सरेंडर करने के इरादे से आ रहे थे.

धर्मेंद्र और आर्मी जवान में हुई थी बहस मनीष ने पुलिस को बताया कि आर्मी जवान अरविंद उर्फ मुन्ना यादव उनकी दादी के भाई का पुत्र है. उसके पिता की मृत्यु हो जाने के कारण चाचा और दादा राजेश्वर यादव से चल रहे संपत्ति विवाद में मुन्ना यादव उन लोगों का पक्ष रखता था. वह तीनों भाइयों के अलावा उसकी मां शारदा देवी से नियमित व्हाट्सएप कॉल से जुड़ा था. संपत्ति के विवाद को निपटाने के लिए मुन्ना ने चाचा धर्मेंद्र को फोन किया था. फोन पर दोनों की बहस हुई थी. इसी घटना के बाद मुन्ना ने चाचा को मारने का निर्णय लिया और एक लाख रुपए देकर शूटर का इंतजाम कराया. मुन्ना के कहने पर वे लोग आरा में किसी धर्मेंद्र उर्फ गार्ड से मिले थे. गार्ड ने ही उन्हें रोहित से मिलवाया.

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