राँची न्यूज़: रिम्स के सर्जरी डिपार्टमेंट ने रोबोट (हैंडएक्स) के माध्यम से सफल सर्जरी कर कीर्तिमान बनाया है. रिम्स सर्जरी ओटी में बिहार के सीतामढ़ी की 54 वर्षीय मंजू देवी के गॉल ब्लॉडर की सर्जरी रोबोट (हैंडएक्स) के माध्यम से की गई.
सर्जरी डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ शीतल मलुआ ने बताया कि राज्य में अब तक किसी भी सरकारी अस्पताल में रोबोटिक सर्जरी नहीं की गई थी. बेल्जियम की कंपनी और मेरिल इंडिया के तत्वावधान में रोबोट हैंडएक्स द्वारा रिम्स के सर्जन डॉ निशित एक्का ने कंपनी के ट्रेनिंग हेड प्रो. डेविड डगलस के निर्देशन में यह रोबोटिक लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की.
ऑपरेशन से पहले प्रो. डगलस ने सर्जरी विभाग के डॉक्टरों को रोबोट के तकनीकी पहुलओं की जानकारी दी. सर्जरी की टीम में डॉ निशिथ एक्का, डॉ अभिनव रंजन, डॉ नेहा चटर्जी और डॉ शाश्वत शामिल थे. इस दौरान विभागाध्यक्ष डॉ शीतल मलुआ, डॉ आरजी बाखला, डॉ डीके सिन्हा, डॉ पंकज बोदरा, डॉ नाबू, डॉ निमिष, डॉ अरविंदन, डॉ सृष्टि, डॉ सुप्रिया और डॉ सौरव भी उपस्थित थे.
क्या है रोबोट हैंड-एक्स
प्रो. डगलस ने बताया कि रोबोट हैंडएक्स एक मजबूत, कांपैक्ट और लाइटवेट इलेक्ट्रोमैकेनिकल नियंत्रित लेप्रोस्कोपिक डिवाइस है, जो डॉक्टर और मशीन के मेल से सर्जरी का संचालन करता है. उन्होने बताया कि इसका नाम हैंडएक्स दिया गया है. क्योंकि यह डॉक्टर के हाथ का एक्सटेंशन है. जिस प्रकार एक डॉक्टर का हाथ बाहर चारों तरफ मूव करता है, हैंडएक्स शरीर के अंदर भी 360 डिग्री मूवमेंट करता है. जहां पर हाथ ले जाना संभव नहीं हो पाता है, वहां भी यह हाथ का काम पूरा करता है. डॉ निशित ने बताया कि इस तकनीक में बड़े चीरे के स्थान पर छोटे चीरे लगाए जाते हैं.
रिम्स में मिल सकती है सुविधा
डॉ मलुआ ने बताया कि रिम्स मेडिकल कॉलेज है. यहां के छात्रों को भी रोबोटिक सर्जरी की जानकारी देनी जरूरी है. इसलिए कंपनी के सहयोग से छात्रों को रोबोटिक सर्जरी के बारे में बताया गया. रिम्स में यदि यह रोबोट उपलब्ध कराया जाएगा तो यहां के मरीजों को इसका लाभ होगा.