Ranchi रांची: राज्य में चल रहे उत्पाद सिपाही बहाली की प्रक्रिया को लेकर सियासत शुरू हो गई है. इस बहाली प्रक्रिया में अब तक 9 अभ्यर्थियों की मौत हो चुकी है. इस मामले को लेकर उत्पाद मंत्री वैद्यनाथ राम ने विभाग के सचिव से इसकी जानकारी ली है, पुलिस विभाग के द्वारा उत्पाद सिपाही की भर्ती की जा रही है. कहा जा रहा है कि सिपाही भर्ती में उत्पाद विभाग का सीधा हस्तक्षेप नहीं है. किस परिस्थिति में अभयर्थियों की मौत हुई है, इसे लेकर के मंत्री उत्पाद विभाग ने रिपोर्ट भी मांगा है.
विपक्ष ने किए तेवर तल्ख, न्यायिक जांच की मांग
अभ्यर्थियों की मौत पर विपक्ष ने अपने तेवर तल्ख कर लिए हैं. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने उत्पाद सिपाही भर्ती प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए हैं. कहा है कि हेमंत सरकार ने भर्ती केंद्रों पर न तो पीने के पानी की व्यवस्था की है, न शौचालय की और न ही महिलाओं द्वारा छोटे बच्चों को स्तनपान कराने की कोई व्यवस्था है. ऐसी कुव्यवस्था से तो बेरोजगार युवा मरेंगे ही! पूर्व सीएम से कहा कि नौकरी नहीं देने के लिए ही मौत बांटने का इंतजाम पक्का कर दिया है. जनता को बताइए कि आखिर इन छह बेरोजगार युवकों की मौत का जिम्मेवार कौन है? राज्य सरकार बेरोजगार युवकों की मौत की न्यायिक जांच कराए और मृत युवकों के आश्रितों को उचित मुआवजा और सरकारी नौकरी उपलब्ध कराये.
राज्य सरकार की संवेदना मर चुकी हैः अमर बाउरी
नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने उत्पाद बहाली की प्रक्रिया पर सवाल उठाया है. राज्य सरकार से मांग की है कि इस दौड़ में जितने भी छात्रों की मौत हुई है, उनके परिजनों को अविलंब मुआवजा प्रदान करे. एक मेडिकल टीम गठित कर इस दौर में सही मानकों की प्रक्रिया को पूरा करे, उनके बाद ही दौड़ करवाये. राज्य सरकार ने आनन-फानन में उत्पाद सिपाही की भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी. राज्य के युवा सरकारी नौकरी को पाने के लिए अपने जान दांव पर लगाने तक को मजबूर हैं, जबकि राज्य सरकार की संवेदना मर चुकी है.
अभ्यर्थियों की मौत की हो जांचः सुदेश
आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने कहा है कि उत्पाद सिपाही की दौड़ में जान गंवाने वाले छात्रों की इतनी बड़ी संख्या में मौत हो जाना चिंता का विषय है. छात्रों को बुनियादी व्यवस्था मुहैय्या कराने की आवश्यकता थी, वह भी नहीं करायी गयी. इसे तत्काल रोका जाना चाहिए. साथ ही छात्रों की मौत की जांच करानी चाहिए कि इसके लिए कौन जिम्मेदार है. नियमावली में गड़बड़ी है. खुले आसमान के नीचे छात्र सोने को विवश हैं. उन्होंने कहा कि नियमावली में चूक हुई है और इसकी सख्ती के साथ जांच होनी चाहिए