Ranchi हाईकोर्ट ने जेपीएससी मामले में दो सप्ताह में मांगा अभियोजन का ब्योरा, जेपीएससी की प्रथम और द्वितीय सिविल सेवा परीक्षा में गड़बड़ी मामले में हुई सुनवाई

मामले में दो सप्ताह में मांगा अभियोजन का ब्योरा, जेपीएससी की प्रथम और द्वितीय सिविल सेवा परीक्षा में गड़बड़ी मामले में हुई सुनवाई

Update: 2023-10-09 06:26 GMT
झारखण्ड   जेपीएससी की प्रथम और द्वितीय सिविल सेवा परीक्षा में गड़बड़ी मामले के आरोपियों के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति के मामले पर विस्तृत जानकारी देने के लिए सीबीआई ने दो सप्ताह का समय मांगा है. सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से बताया गया कि इस मामले की जांच चल रही है. अभियोजन का ब्योरा देने के लिए समय चाहिए. इस पर चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा और जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने सीबीआई को दो सप्ताह में अद्यतन रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया.
बता दें कि प्रथम और द्वितीय जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में गड़बड़ी की जांच पहले निगरानी ब्यूरो कर रही थी, बाद में हाईकोर्ट के आदेश पर इसकी जांच सीबीआई को दे दी गयी थी. इसमें कई आरोपियों के अभियोजन स्वीकृति आदेश नहीं मिलने के कारण मामले की सुनवाई पूरी तरह नहीं हो पा रही है. इस पर कोर्ट ने सीबीआई को यह बताने को कहा है कि किसके खिलाफ अभियोजन स्वीकृति मिली है और किस पर नहीं मिली है. बता दें कि इसी बेंच में प्रथम और द्वितीय सिविल सेवा परीक्षा के मामले में एकलपीठ के आदेश के खिलाफ सरकार की अपील याचिका पर भी सुनवाई सूचीबद्ध है.
सरकार ने वर्ष 2011 में दिया था एसीबी जांच का आदेश
जेपीएससी के प्रथम और द्वितीय सिविल सेवा परीक्षा में गड़बड़ी के आरोप के बाद सरकार ने वर्ष 2011 में एसीबी जांच का आदेश दिया था. एसीबी ने जांच में 15 सफल उम्मीदवारों के चयन में गड़बड़ी पाते हुए उनकी नियुक्ति रद्द करने की सिफारिश की थी. सरकार ने एसीबी की सिफारिश के बाद सभी की नियुक्ति रद्द कर दी. नियुक्ति रद्द करने के आदेश के खिलाफ सफल उम्मीदवारों ने एकलपीठ में याचिका दायर की थी. एकलपीठ ने सरकार के नियुक्ति रद्द करने के आदेश को निरस्त कर दिया. एकलपीठ के आदेश के खिलाफ सरकार ने खंडपीठ में अपील दायर की है.
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