Ranchi रांची : राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार शनिवार को बीआइटी मेसरा के 34वें दीक्षांत समारोह में शामिल हुए. उन्होंने कहा कि यह दीक्षांत समारोह शिक्षा का समापन नहीं, बल्कि आपके जीवन की एक नई शुरुआत है. यह आपके ज्ञान और संकल्प को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. आपकी डिग्री केवल एक प्रमाण-पत्र नहीं है, बल्कि यह संकल्प का प्रतीक है अपने अर्जित ज्ञान और कौशल से समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने का, मानवता के उत्थान में योगदान देने काऔर राष्ट्र के विकास में अहम भूमिका निभाने का. दीक्षांत समारोह में कुल 2715 डिग्रियां बांटी गई.
शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य समाज के लिए उपयोगी बनाना है
राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य केवल किताबी ज्ञान अर्जित करना नहीं है, बल्कि इसे समाज के लिए उपयोगी बनाना है बीआइटी मेसरा ने आपकी सोच को विकसित किया है. जो आने वाली चुनौतियों का सामना करने तथा उनके समाधान ढूंढने की शक्ति प्रदान करती है।. बदलते समय के साथ, जब हर दिन नई तकनीकें, नई चुनौतियां और नए अवसर हमारे सामने आते हैं, तो आपके पास वह विज़न और क्षमता होनी चाहिए जो आपको अपनी राह पर अडिग रखे और समाज के उत्थान में योगदान दे सके.
झारखंड को ऊर्जावान युवाओं की है जरूरत
हमारे राज्य को ऐसे ऊर्जावान युवाओं की अत्यन्त जरूरत है जो इसे उन्नति की ओर ले जाएं. विज्ञान और प्रौद्योगिकी में नए आयामों के उदय के साथ, झारखंड अपने कुशल युवा इंजीनियरों और प्रबंधकों के लिए नई संभावनाएं प्रस्तुत कर रहा है. आपका योगदान इस दिशा में अत्यधिक महत्वपूर्ण है. यहां से पढ़े छात्र-छात्राओं ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी योग्यता से संस्थान और देश का नाम रोशन किया है. यह संस्थान निरंतर नये नवाचारों और अनुसंधान में अग्रणी भूमिका निभा रहा है, जो इसे विश्वस्तर पर विशिष्ट बनाता है. संस्थानअपनी तकनीकी सुविधाओं, शिक्षण योग्यताओं एवं उपलब्धियों के कारण नेशनल असेस्मेंट एंड एक्रडिटेशन काउंसिल और नेशनल बोर्ड ऑफ़ एक्रडिटेशन से मान्यता प्राप्त एक अग्रणी संस्थान के रूप में देश-विदेश में जाना जाता है. यह संस्थान उद्योग की बदलती जरूरतों को पूरा करने के लिए शिक्षण में उत्कृष्टता के साथ-साथ अपने पाठ्यक्रमों में विकास और नए बदलावों की दिशा में प्रतिबद्धता दिखा रहा है, विशेषकर नई शिक्षा नीति के माध्यम से. आज के उद्योग जगत को ऐसे पेशेवरों की आवश्यकता है, जो तकनीकी कौशल के साथ-साथ निर्णय लेने की क्षमता भी रखते हों.
बीआइटी को चुना गय़ा है ‘5जी यूज केस लैब्स’के रूप में
बीआईटी को भारत में चयनित शीर्ष 100 संस्थाओं में ‘5जी यूज केस लैब्स’ के रूप में चुना गया है. यहां इस कार्य के लिए सभी उपकरण उपलब्ध हैं. ये प्रयोगशालाएं लाइसेंस प्राप्त दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के लिए हस्तक्षेप मुक्त संचालन सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न प्रयोगों और परीक्षण उपयोग मामलों को करने के लिए 5जी आवृत्ति बैंड का उपयोग करेंगी. भारत को आत्मनिर्भर बनाने में संस्था का योगदान अत्यधिक महत्वपूर्ण है. आप तकनीकी और प्रबंधन के कौशल से सुसज्जित हैं, जो ‘आत्मनिर्भर भारत’की दिशा में एक सशक्त कदम है. आपकी उद्यमिता, नवाचार और अनुसंधान में सहभागिता देश को प्रगति के नए आयामों की ओर ले जाएगी. असफलताओं से नहीं घबराएं, क्योंकि हर चुनौती आपको नया अनुभव देती है. अपने ज्ञान और कौशल से राष्ट्र की प्रगति में योगदान दें. बीआइटी जैसी संस्थाएं तथा उनके मेधावी विद्यार्थियों के बल पर ही हम 2047 में विकसित भारत का सपना साकार कर सकेंगे