रांची : सड़क हादसों में शहर की तुलना में ग्रामीण क्षेत्र में चार गुना अधिक मौत
सड़क हादसों में शहर की तुलना में ग्रामीण क्षेत्र में चार गुना अधिक मौत होने का मामला सामने आया है.
रांची : सड़क हादसों में शहर की तुलना में ग्रामीण क्षेत्र में चार गुना अधिक मौत होने का मामला सामने आया है. रिपोर्ट के मुताबिक, रांची जिले में जनवरी से मार्च तक सड़क दुर्घटनाओं में 120 लोगों ने अपनी जान गंवायी. ग्रामीण क्षेत्रों में 96 लोगों की मौत हुई, वहीं शहरी क्षेत्र में 26 लोगो ने अपनी जान गंवायी. बताया गया कि ग्रमीण क्षेत्र में जांच कम होती है, इसलिए लोग लापरवाही अधिक बरतते हैं. ट्रिपल लोड के साथ ही अधिक तेज बाइक चलाते है. जबिक शहरी क्षेत्र में हर चौक- चौराहे पर जांच होती है. नियमों का पालन होता है.
ग्रामीण क्षेत्र में अधिक सड़क दुर्घटनाएं
आंकड़ों के मुताबिक, रांची जिले में जनवरी माह में कुल 61 सड़क दुर्घटनाएं हुईं. ग्रामीण क्षेत्र में 46 और शहरी क्षेत्र में 15 सड़क हादसे हुए. इन घटनाओं में ग्रामीण क्षेत्र में 42 व शहरी क्षेत्र में 3 9 लोगों की मृत्यु हुई. फरवरी में 46 सड़क दुर्घटनाएं हुईं. ग्रामीण क्षेत्र में 33 और शहरी क्षेत्र में 13 सड़क हादसे हुए. इन दुर्घटनाओं में ग्रामीण क्षेत्र में 26 व शहरी क्षेत्र में 6 लोगों की जान गयी. मार्च माह में कुल 55 दुर्घटनाएं हुईं. ग्रमीण क्षेत्र में 39 व शहरी क्षेत्र में कुल 37 हादसे हुए. ग्रामीण में 28 और शहर में 9 लोगों की जान गयी.
ग्रामीण क्षेत्र में जागरुकता की कमी : डीआरएसएम
डीआरएसएम सडक सुरक्षा जमाल ए खान ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में जागरुकता की कमी है. वहां जांच कम होती है. इसके कारण लोग नियम का पालन भी नहीं करते हैं. हेलमेट के बिना बाइक चलाते हैं. अधिकतर दुर्घटनाएं दो पहिया वाहन से होती है. उन्होंने कहा कि लोगों को खुद अपनी रक्षा करनी चाहिए न कि किसी के डर से. हमलोगों ने थानों से कहा है कि जांच चलाएं और फाइन काटने की जगह उस पैसे से हेलमेट खरीदवाएं. ओवरलोडिंग पर रोक लगाएं. इससे दुर्घटनाएं रुकेंगी.