Ranchi : राजधानी रांची दुष्कर्म के मामले में पहले स्थान परः बाबूलाल मरांडी

Update: 2024-08-19 11:36 GMT
Ranchi रांची: बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि रांची में दुष्कर्म की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं. रांची सहित पूरे प्रदेश में महिलाएं डर के साए में रहने को विवश हैं. ट्वीट में आगे लिखा है कि सोचिए ये हाल अगर राजधानी रांची का है, तो अन्य जिलों और शहरों का हाल और कितना भयावह होगा. राजधानी रांची भर में,2022 में 190 महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटनाएं घटी, जो 22% की वृद्धि के साथ 2023 में 232 तक जा पहुंची. इस साल में जून तक ही यानी महज 6 महीने में महिलाओं के साथ अपराध की संख्या 113 तक पहुंच गई है. दुष्कर्म की घटनाओं का औसत निकालें तो प्रतिमाह 20 दुष्कर्म की घटनाएं घटित हो रही हैं. लेकिन हेमंत सरकार को इसके बाद भी महिला सुरक्षा की कोई चिंता नहीं है.
 असंवेदनशील है हेमंत सरकार
हेमंत सरकार में महिलाओं के साथ जिस तरह से रेप और दुष्कर्म की घटनाओं में बाढ़ आई है, उससे यह साफ स्पष्ट हो जाता है कि खुद को संवेदनशील कहने वाली यह सरकार, महिला सुरक्षा जैसे संवेदनशील मामले में कितनी असंवेदनशील है!
बांग्लादेशी मुसलमानों का घुसपैठ बड़ा खतरा
बाबूलाल ने दूसरे ट्वीट में कहा है कि आदिवासी समाज के लिए बांग्लादेशी मुसलमानों का घुसपैठ बड़ा खतरा बन चुका है. हालिया कुछ सालों में संथाल परगना के 6 जिलों की डेमोग्राफी में अस्वभाविक बदलाव देखने को मिला है. अचानक मुसलमानों की जनसंख्या में भारी वृद्धि आई है, घुसपैठियों के अनगिनत टोले बस चुके हैं. संथाल परगना में आदिवासी समाज की सांस्कृतिक पहचान और परंपराएं खतरे में आ चुकी हैं. बांग्लादेशी मुसलमान फर्जी कागजात बनाकर आदिवासियों की जमीनें हड़प रहे हैं. मुस्लिम वोट बैंक के लालच में झामुमो और कांग्रेस आदिवासी समाज को अल्पंख्यक बनाने की साजिश में लगे हुए हैं. झारखंड की नैसर्गिक पहचान और आदिवासी समाज की विरासत को बचाए रखने के लिए अब बांग्लादेशी मुसलमानों के साथ-साथ झामुमो और कांग्रेस को भी राज्य की सत्ता से उखाड़ फेंकना है
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