रांची 14.22 लाख नामांकित बच्चों के बैंक या पोस्टऑफिस में टिकट नहीं, लक्ष्य से पीछे छात्रों के खाते में छूट का लाभ मिलने में परेशानी
में छूट का लाभ मिलने में परेशानी
झारखण्ड के सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे 14.22 लाख बच्चों के अब तक न तो बैंक में और न ही पोस्ट ऑफिस में खाते खुले है. बैंक व पोस्ट ऑफिस को इनके खाता खोलने का टारगेट दिया गया, जिसमें अब तक बैंक ने 29,597 और पोस्ट ऑफिस ने 1,47,376 बच्चों के खाते खोले है. बैंक व पोस्ट ऑफिस में अब तक 1,76,973 बच्चों के खाता खुल सके हैं.
स्कूली बच्चों के बैंक या पोस्ट ऑफिस में खाता खुलने के लिए निर्धारित टारगेट से अब तक मात्र 12 फीसदी लक्ष्य पूरा किया जा सका है. इसमें सबसे फिसड्डी देवघर जिला है, जहां चार फीसदी ही लक्ष्य पूरा किया गया है. वहीं, गोड्डा-पाकुड़ में 5-5 फीसदी, कोडरमा छह व दुमका में सात फीसदी लक्ष्य पूरा हो सका है. पूर्वी सिंहभूम में सबसे ज्यादा 51 फीसदी बच्चों के बैंक व पोस्ट ऑफिस में खाते खुले हैं. सिमडेगा में 31 फीसदी और रामगढ़-खूंटी में 30-30 फीसदी बच्चों के खाते खुले हैं.
प्रारंभिक स्कूलों के बच्चों को पोशाक, छात्रवृत्ति, स्कूल किट, साइकिल की राशि दी जाती है. पहली से 12वीं के छात्र-छात्राओं को पोशाक-छात्रवृत्ति दी जाती है, जबकि पहले से आठवीं तक के बच्चों को स्कूल किट व आठवीं के छात्र-छात्राओं सो साइकिल की राशि दी जाती है. इन योजनाओं की राशि सीधे खाता में ही देने का प्रावधान है.
लक्ष्य पूरा करने में देवघर फिसड्डी, पूर्वी सिंहभूम अव्वल
जिला लक्ष्य पूरा किया
देवघर 1,14,491 4235
गोड्डा 81,624 4038
पाकुड़ 56,399 2972
कोडरमा 40,789 2270
दुमका 80,564 5212
पलामू 91,603 9110
गढ़वा 1,03,316 10,871
हजारीबाग 70,116 7663
जामताड़ा 35,446 3918
प. सिंहभूम 55,752 6259
गुमला 33,634 4093
चतरा 80,417 10,142
जिला लक्ष्य पूरा किया रांची 50,695 6440
गिरिडीह 2,36,574 33,755
धनबाद 80,287 13,411
साहिबगंज 35,630 6068
लोहरदगा 12,176 2180
सरायकेला 27,770 5923
बोकारो 68,200 17,544
लातेहार 28,627 7408
खूंटी 11,943 3551
रामगढ़ 9205 2758
सिमडेगा 10,222 3137
पूर्वी सिंहभूम 6936 3515
योजनाओं का लाभ सीधे खाते में मिलेगा
जिन बच्चों का पोस्ट ऑफिस या बैंक में खाता खुल रहा है, उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे खाता में मिल सकेगा. जबकि जिन बच्चों का बैंक या पोस्ट ऑफिस में खाता नहीं है, उन्हें योजनाओं का लाभ लेने में परेशानी होगी. ऐसे बच्चों को नगद, उनके माता-पिता के बैंक खाते में या फिर उनकी उपस्थिति में राशि या सामान देने का अंतिम प्रावधान है