एक्सआईएसएस में रमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित पत्रकार ने रखे अपने विचार

Update: 2023-06-28 05:48 GMT

राँची न्यूज़: नई आर्थिक नीति को जब से स्वीकार किया गया है, तब से देश में विरोध की आवाज को अपराधी बना दिया गया है. इसमें वर्ष 2014 के बाद से ज्यादा वृद्धि हुई है. सरकार, विरोध की आवाज को दबाकर सत्ता चला रही है. उक्त बातें मुख्य वक्ता रमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित स्तंभकार सह जनपक्षीय पत्रकार पी साईनाथ ने कही.

पी साईनाथ डॉ कामिल बुल्के पथ स्थित जेवियर इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल सर्विस (एक्सआईएसएस) में पीयूसीएल झारखंड द्वारा आयोजित द्वितीय स्टेन स्मृति व्याख्यानमाला में बोल रहे थे.

स्टैन स्वामी लोगों के आक्रोश को स्वर देते थे पी साईनाथ ने कहा कि धार्मिक व आर्थिक कट्टरपंथी और कॉरपोरेट मीडिया के मेल से लोगों की आवाज को दबाया जा रहा हैं. फादर स्टैन स्वामी के मामले में भी यही हुआ. फादर स्टैन स्वामी आदिवासियों के अधिकारों की बात करने वाली एक बुलंद आवाज थे. वे लोगों के आक्रोश को स्वर देते थे. जब भी समाज में आम जनता के प्रताड़ना की बात सामने आई, फादर स्टैन की आवाज मुखर रही. स्टेन स्वामी की मृत्यु नहीं, बल्कि संस्थागत हत्या हुई कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे साहित्यकार रणेंद्र कुमार ने कहा कि हम सभी को पी साईनाथ की बातों पर ध्यान देना होगा. स्टेन स्वामी की मृत्यु नहीं, बल्कि संस्थागत हत्या हुई. वे अंत तक सरकार और व्यवस्था से लड़ते रहे. कार्यक्रम के अंत में सिस्टर लिना ने धन्यवाद ज्ञापन किया.

कामगारों का घंटा बढ़ाकर 12 घंटे तक कर दिया गया

पी साईनाथ ने कार्यक्रम में कहा कि, विरोध की आवाज को दबाने के अलावा मजदूरों की आवाज को भी दबाया जा रहा है. साथ ही दमन का क्रम भी जारी है. उत्तर प्रदेश सरकार ने कामगारों का घंटा आठ से बढ़ाकर 12 घंटा कर दिया. साथ ही चार घंटे से अधिक काम के बदले अधिक वेतन का प्रावधान भी नहीं किया गया. कहा कि सरकार शिक्षा के क्षेत्र में हस्तक्षेप कर कई महत्वपूर्ण विषयों को भी कोर्स से हटा रही है. कार्यक्रम में बगईचा के संचालक फादर टॉम कालवा, पीयूसीएल झारखंड के महासचिव अरविंद अविनाश, शैलेश पोद्दार, शशि सागर वर्मा, विभिन्न संस्थानों के विद्यार्थी सहित कई लोग मौजूद थे.

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