Ranchi : मूसलाधार बारिश, आंधी और ओलावृष्टि ने खेत में लगी फसलों को नुकसान पहुंचाया है. रातु, ठाकुरगांव और पिठौरिया के किसानों के खेत में लगी फसल करैली, गोंगरा, कद्दू, टमाटर, मूली,धनिया,बीन, अदरख और मिर्च की फसल को नुकसान पहुंचाया है.
फसलों के मुकास पर यूं छलका किसानों का दर्द
ठाकुरगांव के किसान रूपेश उरांव ने बताया कि 25 हजार की बीन खरीदर एक एकड़ से अधिक खेत में लगाया था. पानी के अभाव की वजह से मुश्किल से खेती हुई थी. लेकिन तेज बारिश औऱ ओलावृष्टि ने पूरी फसल को बर्बाद कर दिया. रोजी रोजगार छीन लिया है. नुकसान हुई फसल को देखने के लिए सरकार भी नहीं आती है. परिवार का वहन भी खेती से ही चलता है.
बुढ़मू के गोपाल मुंडा ने बताया कि 1500 रूपये का धनिया खरीदकर एक एकड़ एरिया में फसल लगाया था. सुबह पांच बजे उठकर खेत में सिंचाई करते थे. पूरा परिवार खेती बारी पर ही निर्भर है. गांव में काम नहीं मिलता है. ऊपर से बेमौसम बारिश ने खेत में लगी फसल को नुकसान पहुंचा दिया. ओलावृष्टि से खेत में लगी धनिया की फसल को नुकसान पहुंचा है.
ठाकुरगांव के संजय उंराव ने बताया कि नरेगा की ओर से चार साल पहले आम और लीची के 120 पौधे लगाये थे. इस बार पैदावार अच्छी हुई थी. लेकिन तेज बारिश,आंधी और ओवावृष्टि ने फसल को क्षति पहुंचाया है और पूरी तरह से बेरोजागार कर दिया है. खेत में सिंचाई के लिए समय पर बिजली मिलता नहीं है. ऊपर से मेहनत पर ओलावृष्टि ने पानी फेर दिया है.
रातु के विनय पाहन ने बताया तेज बारिश और आंधी से खेत में एक एकड़ में लगी गोंगरा और टमाटर की खेती को नुकसान पहुंचा है. गर्मी में खेती करना मुश्किल होता है.खेत में सिंचाई करने के लिए कुंआ में पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं रहता है. आसपास की नदी पूरी तरह से सूख जाती है.सिंचाई करने के लिए बोरिंग है.
बुढमु के अर्जुन मुंडा ने बताया कि दो हजार का बीज लगाकर फसल लगाये थे. लगभग एक एकड़ से अधिक एरिया में पत्तागोभी और फूलगोभी लगाये थे. फूल भी फूलने लगा था. लेकिन अचानक तेज हवा, बारिश और ओलावृष्टि ने फसल को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है. रोजी रोजगार इसी से चलता है. परिवार की जीविका खेती बाड़ी से ही चलती है. लेकिन ओळावृष्टि से खेत में लगी फसल को नुकसान हुआ है.इसकी भरपाई करने में काफी समय लगेगा