प्रदूषण बोर्ड और अधिकारी गंभीर नहीं है: एनजीटी

Update: 2023-02-28 12:47 GMT

जमशेदपुर न्यूज़: एनजीटी की ईस्टर्न जोन कोलकाता बेंच ने सोनारी मेरिन ड्राइव दोमुहानी किनारे कचरा डंपिंग और प्रदूषण मामले में सोनारी निवासी केएस उपाध्याय के केस की सुनवाई 22 फरवरी को हुई. एनजीटी ने आदेश में कहा कि हमें आश्चर्य है कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी, जमशेदपुर के निष्कर्षों के बावजूद झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कोई उपचारात्मक उपाय नहीं सुझाया है और न ही निरीक्षण रिपोर्ट दाखिल किया है.

बेंच ने आदेश में कहा कि झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और उसके अधिकारियों की उदासीनता और गैर-गंभीरता को दर्शाता है. झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को एनजीटी ने चेतावनी दी है कि इस तरह के असावधान हलफनामे दाखिल करने के परिणाम भुगतना न पड़े.

दो हफ्ते में हलफनामा दायर करने का आदेश

बेंच ने झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को निर्देश दिया है कि प्रतिवादी नंबर 1 प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड निरीक्षण रिपोर्ट दर्ज करें. बेंच ने बोर्ड के अधिकारियों को इसके लिए दो सप्ताह के भीतर हलफनामा दायर करने का आदेश दिया है.

वर्चुअल पेश हुईं डीसी

केस की दूसरी प्रतिवादी पूर्वी सिंहभूम की उपायुक्त विजया जाधव वर्चुअल पेश हुई. उनकी ओर से वकील ऐश्वर्य राजेश्वरी ने एनजीटी के समक्ष प्रति-शपथ पत्र दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा है. उपायुक्त को केस में 14 मार्च को शपथ पत्र दाखिल करने का आदेश दिया है. अब मामले की अगली सुनवाई 14 मार्च को होगी.

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