मध्यान्ह भोजन के खाली बोरा पर सियासत, विपक्ष का सरकार आरोप, कहा- शिक्षकों से बोरा बेचवा रही है सरकार
झारखंड राज्य मध्यान्ह भोजन के अंतर्गत उपलब्ध कराए गए खाद्यान्न के खाली बोरा की बिक्री और लेखा स्थानांतरण के संबंध में निकाले गए स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग के आदेश पर राजनीति शुरू हो गई है.
जनता से रिश्ता। झारखंड राज्य मध्यान्ह भोजन के अंतर्गत उपलब्ध कराए गए खाद्यान्न के खाली बोरा की बिक्री और लेखा स्थानांतरण के संबंध में निकाले गए स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग के आदेश पर राजनीति शुरू हो गई है. एक तरफ विभिन्न राजनीतिक दलों ने इस मामले पर सवाल खड़ा किया है. तो वहीं शिक्षा मंत्री ने जरूरत पड़ने पर निर्देश को वापस लेने का आश्वासन दिया है.
बता दें कि राज्य सरकार की स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग की ओर से मध्यान्ह भोजन प्राधिकरण के हवाले से एक पत्र जारी किया था. जिसमें कहा गया था कि एमडीएम खाद्यान्न की खाली बोरों की बिक्री सरकारी स्कूल प्रबंधकों की ओर से किया जाएगा. बिक्री के लिए शिक्षकों को कार्यभार दिया गया था. अब इसी आदेश पर विपक्षी पार्टियों की ओर से सवाल खड़ा किया जा रहा है. कहा जा रहा है कि शिक्षकों को पढ़ाने के सिवाय राज्य सरकार हर वह काम देती है जिसका पठन-पाठन से कोई वास्ता नहीं है. राज्य सरकार के ऐसे निर्णयों के कारण यहां के शिक्षक आए दिन परेशान हो रहे हैं.
हालांकि पूरे मामले पर विवाद उठने के बाद मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा कि शिक्षा विभाग इस आदेश को लेकर मंथन कर रही है. अगर इससे पठन-पाठन का कार्य प्रभावित होगा तो सरकार इस पर समीक्षा करेगी और इस फैसले को वापस ले लिया जाएगा. उन्होंने विपक्ष पर इस मसले पर बेवजह राजनीति करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के आदेश में शिक्षकों का इस कार्य को लेकर कहीं से संबंध नहीं है.
शिक्षा मंत्री के निर्देश पर स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग ने शिक्षकों के स्थानांतरण नीति में फेरबदल करने की तैयारी की है. शिक्षा विभाग की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक राज्य के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों का अंतर जिला स्थानांतरण भाषा और विषय के आधार पर किया जाएगा .इस संशोधन के जरिए केंद्रीय सेवा में योगदान दे रहे पति-पत्नी को भी मौका दिया जाएगा. झारखंड के किसी जिले में पति या पत्नी अलग-अलग कार्यरत है तो उस जिले में ही दोनों का तबादला किया जा सकेगा. विभिन्न शिक्षक संघ ने भी इस नीति के फेरबदल को लेकर शिक्षा विभाग को अपना अपना सुझाव सौंपा है.