झारखंड में इन दिनों सत्ता की सियासत आरोप प्रत्यारोप से आगे निजी हमले पर आ गई है. एक तरफ बीजेपी है तो दूसरी तरफ जेएमएम का आरोप है. बतौर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, राजनीतिक लाभ के लिए मर्यादा की सीमा लांघ रहे हैं. ये सियासी लड़ाई आखिर किस ओर जाता दिखाई दे रहा है. झारखंड में मिशन 24 की आक्रामकता अब बयानों में साफ तौर पर दिखने लगी है. ये आक्रामकता कई बार एक-दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप के चक्कर में बयानों की मर्यादा तक लांघ जाता है. इसलिए झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता बीजेपी और बाबूलाल पर आक्रामक हैं. बीजेपी नेता प्रतुल शहदेव ने कहा कि जितने केस बाबूलाल मरांडी पर होगें, उतने लाख वोटर बीजेपी के बढ़ेंगे.
झारखंड में सत्ता की सियासत
साथ ही कहा कि बाबूलाल मरांडी ने कागज के साथ साबित कर दिया है, नाम बदलना पड़ा है. ये निजी हमला कहां है. बाबूलाल मरांडी ने तो संथाल परगना बिल्डर्स पर मामला दर्ज करने और सारी संपत्ति जब्त करने की चुनौती दी है. पिछले 10 साल से बाबूलाल मरांडी और उनके परिजन का कोई लेना देना नहीं है. बाबूलाल पर हर एक मुकदमे की कीमत हमारे एक लाख वोट में इजाफा है. जेएमएम प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा, जब भी कोई दल या व्यक्ति निजी हमले करने लगे तो समझिए वो कमजोर हो चुके हैं. उनके पास कोई मुद्दा और एजेंडा नहीं है तभी निजी हमला होता है. हमारे नेता इन सब के खिलाफ हैं.
आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू
राजनीति में बिलो द बेल्ट वॉर नहीं होना चाहिए. युवा नेता जिसकी अपनी पहचान है उसके खिलाफ कोई मुद्दा नहीं तो निजी हमला हो रहा. शिबू सोरेन को अपमानित करने का प्रयास, झारखंडियों की भावना को ठेस पहुंचाने वाला है. ऐसे लोगों पर लगाम लगाना चाहिए. बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व से निर्देश आना चाहिए. आपत्तिजनक बात के लिए खेद प्रकट करें ,अन्यथा एक तरफ ये लड़ाई तो होगी नहीं. जिस तरह का हमला आपने किया है, उसी भाषा में आपको जवाब दिया जायेगा. जैसे-जैसे साल दो हजार चौबीस की लड़ाई नजदीक आती जाएगी, सियासी आक्रामकता और बढ़ती जायेगी. जेएमएम ने तो साफ किया है, अपने आपत्तिजनक बयान के लिए बाबू लाल मरांडी माफी मांगे, नहीं तो उनको उसी भाषा में जवाब दिया जायेगा.