झारखंड में इन दिनों सत्ता की सियासत जोर पकड़ने लगी है. 2024 के चुनाव से पहले सभी पार्टियां एड़ी चोटी का जोर लगा रही है. एक तरफ जहां बीजेपी बाबूलाल मरांडी की संकल्प यात्रा के जरिए सूबे में सत्ता परिवर्तन का सपना संजोए है, तो दूसरी तरफ सूबे की सत्ताधारी दल इंडिया एलायंस के बैनर तले सत्ता वापसी की रणनीति को साकार करने में लगी है. हालांकि इस सब के बीच बीजेपी की संकल्प यात्रा फिलहाल सियासत के केंद्र में है, जहां बीजेपी यात्रा के जरिए सीट को साधने की कोशिश में है. दरअसल, 17 अगस्त से बीजेपी ने संकल्प यात्रा की शुरुआत की है. कुल 7 चरणों में संकल्प यात्रा पूरी की जाएगी. बता दें कि यात्रा बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में हो रही है.
सत्ता की सियासत जोरों पर
यात्रा के तहत 81 विधानसभा में जनसभा आयोजित हो रही है. 10 अक्टूबर को रांची के मोरहाबादी मैदान में यात्रा खत्म होगी. यात्रा के जरिए बीजेपी लोकसभा और विधानसभा सीटों पर बीजेपी के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश में लगी है. यही वजह है कि सत्ता पक्ष बीजेपी पर हमलावर हो गई है. जहां एक तरफ प्रदेश के मंत्री मिथिलेश ठाकुर का कहना है कि यात्रा के जरिए बाबूलाल मरांडी ने बीजेपी को अंतिम यात्रा तक पहुंचाने का संकल्प लिया है. तो वहीं कांग्रेस तो इस यात्रा को गंभीरत से भी नहीं ले रही.
2024 के चुनाव से पहले सभी पार्टियां एड़ी चोटी का जोर लगा रही
सत्ता पक्ष भले ही दावे कर रही है कि इस यात्रा से बीजेपी को कोई फायदा नहीं होगा, लेकिन बीजेपी पूरे जोश के साथ ना सिर्फ जनसभाएं कर रही है. बल्कि ये दावा भी कर रही है कि संकल्प यात्रा में उमड़ रही भीड़ को देख सूबे की सरकार घबराई हुई है. झारखंड बीजेपी अपने नए प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में संकल्प यात्रा कर रही है और इस दौरान मिलने वाले जनसर्थन को देख पार्टी उत्साहित और गदगद है. वहीं, दूसरी ओर सूबे की सत्ताधारी दल संकल्प यात्रा को लेकर बीजेपी पर हमलावर है. हालांकि अब देखना ये होगा कि किसकी रणनीति चुनावी समर में काम आती है.