गढ़वा: गढ़वा जिले में आतंक मचाने वाले आदमखोर तेंदुए (man-eating leopards) को मारने की अनुमति दे दी गई है। बता दें कि पिछले 1 महीने से इलाके में तेंदुए के आतंक से लोग दहशत में है। पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ (PCCF Wildlife) ने बुधवार की देर शाम तेंदुए को मारने की अनुमति दे दी। आदमखोर तेंदुआ गढ़वा के भंडरिया,रंका का और रमकंडा के इलाके में सक्रिय है। गढ़वा CF दिलीप कुमार यादव ने बताया कि पीसीसीएफ ने परिस्थिति को देखते हुए उसे मारने की अनुमति दी है। बता दें कि आदमखोर को पकड़ने के लिए हैदराबाद से शूटर की टीम को भी बुलाया गया है।
हैदराबाद के मशहूर शूटर लगातार इलाके में कर रहे कैंप
गढ़वा वन विभाग की कमेटी ने तेंदुए को मारने की अनुमति वाइल्डलाइफ से मांगी थी। गढ़वा जिले में आदमखोर तेंदुए ने अब तक तीन बच्चे की जान ले ली है। तेंदुए की गतिविधि मानव बस्ती के अगल-बगल ही हो रही है। जिस कारण से वन विभाग उसे मानव जीवन के लिए खतरा बताया है। तेंदुए को मारने के लिए हैदराबाद के मशहूर शूटर नवाब अली खान की टीम ट्रैंकुलाइज का इस्तेमाल कर रही थी उसका रेंज 25 किलोमीटर के करीब है। जबकि तेंदुए को इतनी नजदीकी से ट्रैंकुलाइज करना काफी मुश्किल है। उसे मारने की अनुमति मिलने के बाद टीम 200 से 300 मीटर तक तेंदुए का निशाना बना सकती है।
50 ट्रेकिंग कैमरे लगाए गए
तेंदुए को मारने के लिए हैदराबाद के मशहूर शूटर नवाब सैफ अली खान कैंप कर रहे हैं। वन विभाग के आग्रह पर पिछले 3 जनवरी को गढ़वा के इलाके में नवाब अली खान की टीम कैंप कर रही है।उनकी टीम में आधा दर्जन से अधिक एक्सपर्ट शामिल है। वन विभाग के अधिकारी के अनुसार तेंदुए का लोकेशन लगातार रमकंडा और भंडरिया की सीमा पर कुशवार के इलाके में मिल रहा है। जनवरी के पहले सप्ताह तक तेंदुआ गढ़वा के रंका का रमकंडा और भंडरिया के सीमावर्ती इलाके के 10 किलोमीटर के दायरे में घूम रहा था। अब इसका दायरा घटकर 4 किलोमीटर तक आ गया है। तेंदुए को पकड़ने के लिए तार के बारे और 50 ट्रेकिंग कैमरे भी लगाए गए हैं। जबकि 6 केंज भी लगाए गए है।
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