राँची न्यूज़: मुख्यमंत्री के विधायक प्रतिनिधि, अवैध खनन के आरोपी पंकज मिश्र ने ईडी कोर्ट के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी है. ईडी कोर्ट ने पंकज मिश्रा की उस याचिका को खारिज कर दी है, जिसमें उन्होंने ईडी के सहायक निदेशक पर तथ्य छिपाकर आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया था. 27 जनवरी को ईडी कोर्ट ने याचिका खारिज की थी. ईडी कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि ईडी की ओर से किसी प्रकार का तथ्य नहीं छिपाया गया है और न ही तथ्यों से छेड़छाड़ की गई है.
पंकज मिश्रा ने इस आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर की है. इसमें कहा गया है कि ईडी जिस केस को आधार बनाकर मनी लाउंड्रिंग की जांच कर रही है, उस केस को पुलिस ने खत्म कर दिया है. ईडी ने अपने आरोप पत्र में इसका उल्लेख नहीं किया है और अदालत से तथ्यों को छिपाया गया है. पंकज मिश्रा ने जिस मामले का जिक्र किया था, उसमें पंकज मिश्रा के साथ-साथ मंत्री आलमगीर आलम का भी नाम था. पुलिस ने अपनी जांच में दोनों को निर्दोष बताया था. याचिका में कहा गया है कि ईडी कोर्ट ने इस मामले के तथ्यों को पूरी तरह नहीं सुना है.
पंकज मामले में पूर्व डीएसपी व पत्रकार को ईडी का समन
साहिबगंज में 1000 करोड़ के अवैध खनन के मुख्य आरोपी पंकज मिश्रा से न्यायिक हिरासत में गैरकानूनी तरीके से मुलाकात करने के आरोप में ईडी ने पूर्व डीएसपी व एक पत्रकार को समन किया है. साहिबगंज में पूर्व में पोस्टेड रहे डीएसपी यज्ञनारायण तिवारी को 13 मार्च को जबकि पत्रकार रवींद्रनाथ तिवारी को 14 मार्च को ईडी के रांची जोनल आफिस बुलाया गया है. ईडी सूत्रों के मुताबिक, यज्ञनारायण तिवारी ने रिम्स में आकर पंकज मिश्रा से मुलाकात की थी, तब वह पुलिस सेवा में ही थे. बीते एक माह पूर्व ही वह पुलिस सेवा से सेवानिवृत्त हुए हैं.
वहीं पत्रकार रवींद्रनाथ तिवारी ने भी जुलाई से अक्तूबर के बीच रिम्स जाकर बगैर इजाजत पंकज से मुलाकात की थी. इसको लेकर ईडी ने साहिबगंज के डीएसपी राजेंद्र दूबे, बिजली विभाग के अभियंता नथन रजक समेत कई लोगों से पूछताछ की है.