Palamu पलामू: हुसैनाबाद नगर पंचायत के जपला मेन रोड पर एसबीआई बैंक के सामने पक्की सड़क को खोदकर पानी निकासी के लिए ह्यूम पाइप बिछाया गया है, लेकिन इसके तीन दिनों बाद भी सड़क को मिट्टी और कचरे से भरकर यूं ही छोड़ दिया गया है. इससे न केवल हादसों का खतरा बढ़ गया है, बल्कि स्थानीय निवासियों की धार्मिक भावनाओं को भी ठेस पहुंची है, क्योंकि नवरात्र के दौरान मंदिरों में लोगों को आने-जाने में काफी कठिनाई हो रही है. खुदाई के बाद मिट्टी और कचरे से सड़क भर दी गई है, जिससे बाजार क्षेत्र में वाहनों के प्रवेश के दौरान दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ गई है.
पेवर ब्लॉक और पीसीसी रोड का पुनर्निर्माण होना चाहिए था
स्थानीय निवासियों का कहना है कि जहां पहले पक्की सड़क और पेवर ब्लॉक थे, उसे अब कच्ची और बदतर स्थिति में छोड़ दिया गया है. नगर पंचायत प्रशासन ने नाला खोदने के बाद उसमें ह्यूम पाइप डालकर सड़क को इस अवस्था में छोड़ दिया है, जबकि पेवर ब्लॉक और पीसीसी रोड का पुनर्निर्माण होना चाहिए था. संवेदक और नगर पंचायत के कनीय अभियंता की लापरवाही के कारण यह समस्या पैदा हुई है. लोगों का कहना है कि प्रशासन की उदासीनता के चलते उनकी सुरक्षा और सुविधा के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. नवरात्र के मौके पर खासकर महिलाएं, जो सुबह और शाम मंदिरों में पूजा-अर्चना के लिए जाती हैं, इस सड़क की खस्ताहाल स्थिति से परेशान हैं. मिट्टी से भरी सड़क के कारण न केवल उनका आवागमन मुश्किल हो गया है, बल्कि वे गंभीर दुर्घटनाओं की भी शिकार हो सकती हैं. बाइक सवार और अन्य वाहन चालक भी यहां फिसलकर दुर्घटना का शिकार हो सकते हैं.
प्रशासन व संवेदक की लापरवाही के बीच पिस रही है जनता
नगरवासियों का कहना है कि इस लापरवाही के खिलाफ उनका आक्रोश बढ़ता जा रहा है. वे मांग कर रहे हैं कि प्रशासन जल्द-से-जल्द उक्त स्थल पर पेवर ब्लॉक और पीसीसी रोड का निर्माण करवाए, ताकि इस समस्या का समाधान हो सके और दुर्घटनाओं का खतरा टाला जा सके. जब इस मामले में कुछ लोगों ने कनीय अभियंता से बात की तो उन्होंने जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि उनका काम हो चुका है, अब संवेदक को देखना है कि आगे क्या करना है, वहीं संवेदक से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका. इस स्थिति से स्पष्ट है कि प्रशासन और संवेदक की लापरवाही के बीच आम जनता पिस रही है और दुर्घटनाओं का खतरा दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. नगर पंचायत की यह उदासीनता क्षेत्रवासियों के जीवन को जोखिम में डाल रही है.