Jharkhand में संगठित अपराध पर नहीं लग रहा लगाम, कोई जेल से तो बाहर रहकर मांग रहा रंगदारी
Ranchi रांची : झारखंड में संगठित अपराध पर लगाम नहीं लग रहा है. कोई अपराधी जेल में रहकर तो कोई जेल के बाहर रहकर कारोबारियों से रंगदारी मांगने का काम कर रहा है. वर्तमान समय की बात करें तो झारखंड में सात आपराधिक गिरोह पुलिस के लिए चुनौती बने हुए हैं. ये आपराधिक गिरोह माओवादी और उग्रवादी संगठन की तरह घटना को अंजाम देने के बाद जिम्मेवारी भी ले रहे हैं.
कोयलांचल क्षेत्र में अमन साहू गिरोह का बढ़ा उत्पात
झारखंड में कई आपराधिक गिरोह सक्रिय हैं. लेकिन इन दिनों अन्य गिरोह की तुलना में अमन साहू गिरोह ज्यादा उत्पात मचा रहा है. यह गिरोह खासकर राज्य के लातेहार, चतरा, रामगढ़, हजारीबाग और रांची के कोयलांचल क्षेत्र में आतंक मचा रहे हैं. घटना को अंजाम देने के बाद मयंक सिंह नाम का व्यक्ति इसकी जिम्मेवारी भी लेता है. अमन साहू के जेल में बंद होने के बावजूद उसके गिरोह की सक्रियता कम नहीं हुई है. अमन साहू जेल से ही अपना गिरोह चला रहा है.
धनबाद का आतंक बना प्रिंस खान
प्रिंस खान इन दिनों धनबाद में आतंक का पर्याय बना हुआ है. व्यवसायियों, कोयला कारोबारियों, चिकित्सकों व अन्य संपन्न लोगों को धमकी देना, गोलीबारी कर दहशत फैलाना उसका शौक बन गया है. उसके गुर्गे कभी सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर कर, कभी चिट्ठी लिखकर, तो कभी वीडियो वायरल कर गोलीबारी की जिम्मेदारी लेते देखे जाते हैं. प्रिंस खान के गुर्गे विभिन्न माध्यमों से संदेश देते रहे हैं कि छोटे सरकार की बात मानो, वरना जान से हाथ धो बैठोगे.
जेल में रहकर गिरोह चला रहा अमन श्रीवास्तव और विकास तिवारी
अमन श्रीवास्तव और विकास तिवारी जेल में रहकर ही अपना गिरोह का संचालन कर रहा है. विकास तिवारी और अमन श्रीवास्तव गिरोह के सदस्य व्यवसायियों से रंगदारी की मांग करते हैं. वहीं रंगदारी नहीं देने पर वाहनों में आगजनी और जान से मारने की धमकी भी देते हैं.
जानें किस जिले में कौन सा गिरोह सक्रिय :
– अमन साहू गिरोह : रांची, लातेहार, रामगढ़ और हजारीबाग.
– प्रिंस खान गिरोह : धनबाद, बोकारो.
– विकास तिवारी गिरोह : रामगढ़
– अमन श्रीवास्तव गिरोह: रामगढ़, हजारीबाग
– सुजीत सिन्हा गिरोह : लातेहार और पलामू
– अखिलेश सिंह गिरोह : जमशेदपुर और सरायकेला
– सुधीर दुबे गिरोह : जमशेदपुर और सरायकेला
– डब्लू सिंह गिरोह : पलामू