झारखंड में होगी 100 करोड़ की लागत से 3 हजार हेक्टेयर में जैविक खेती
देश में जैविक खेती (ऑर्गेनिक खेती) पर इन दिनों काफी जोर दिया जा रहा है।
देश में जैविक खेती (ऑर्गेनिक खेती) पर इन दिनों काफी जोर दिया जा रहा है। इस पद्धति से होनेवाली खेती से मानव के स्वास्थ्य बेहतर होने के साथ-साथ पर्यावरण को भी अनेक लाभ है। वहीं रासायनिक खेती से पर्यावरण के साथ-साथ मानव के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है। झारखंड सरकार भी राज्य के अंदर जैविक खेती (ऑर्गेनिक खेती) को बढ़ाना देने को कृत संकल्प है। सरकार के कृषि मंत्री ने झारखंड विधानसभा में इस आशय का जवाब दिया है। विधानसभा में भाजपा के विधायक बिरंची नारायण के एक सवाल पर कृषि मंत्री बादल ने यह जवाब दिया है।
कृषि मंत्री ने बताया है कि झारखंड राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ऑर्गेनिक फार्मिंग ऑथरिटी ऑफ झारखंड का गठन किया गया है। इसके द्वारा राज्य योजना अंतर्गत जैविक प्रमाणीकरण एवं जैविक खाद को प्रोत्साहन की योजना और केंद्रीय योजना अंतर्गत परंपरागत कृषि विकास योजना और भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति के तहत विभिन्न जिलों में ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने का काम किया जाता है।
कृषि मंत्री के मुताबिक राज्य योजना अंतर्गत राज्य के सभी जिलों में 30000 हेक्टेयर में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए तीन वर्षीय योजना 100 करोड़ की लागत पर स्वीकृत है। फिर से राज्य के दस जिलों में 2000 हेक्टयेर में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए 68 करोड़ की तृवर्षीय योजना स्वीकृत है।वर्तमान में तृवर्षीय योजना 750 संकुलों में 76 करोड़ 50 लाख तथा 150 संकुलों में 23 करोड़ 40 लाख की लागत स्वीकृत की गई है। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2021-22 में परंपरागत कृषि विकास योजना अंतर्गत राज्य के 19 आकांक्षी जिलों (1900 हेक्टयेर) तथा भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति (3400 हेक्टेयर) में केंद्र से प्राप्त केंद्रांश के विरुद्ध 15 करोड़ 98 लाख और 90 लाख रुपए की स्वीकृति अभी प्रक्रिया के तहत है।
विधायक बिरंची नारायण ने जैविक कृषि को बढ़ावा देने के साथ-साथ सरकार से यह भी जानना चाहा था कि राज्य सरकार किसानों को कितना मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध करा पायी है। कृषि मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने अब तक 17,78 786 मृदा स्वास्थ्य कार्ड का वितरण किया गया है।