जुगाड़ तकनीक से विकसित की तेल निकालने की मशीन, मात्र इतने रकम में बनाई

झारखंड का खूंटी जिला लेमन ग्रास की खेती के लिए धीरे धीरे मशहूर होता जा रहा है

Update: 2021-11-29 04:54 GMT
झारखंड का खूंटी जिला लेमन ग्रास की खेती के लिए धीरे धीरे मशहूर होता जा रहा है. इसकी खेती के लिए जरिये यहां के किसान अच्छी कमाई कर रहे हैं. इसके अलावा इससे जुड़े किसान लेमन ग्रास का तेल निकालने के लिए जुगाड़ तकनीक अपना रहे हैं. क्योंकि लेमन ग्रास का तेल निकालने के लिए प्रोसेसिंग प्लांट लगाना काफी मंहगा होता है औऱ सभी किसानों को अपने खेत में लगाना आसान नहीं होता है. ऐसे में खूंटी में एक किसान हैं जो जुगाड़ तकनीक से लेमन ग्रास का तेल निकालते हैं. खूंटी जिले के मुरहू प्रखंड के इस किसान का नाम चाड़ा पाहन है.
जुगाड़ तकनीक से बनायी तेल निकालने की मशीन
पांचवी तक की पढ़ाई करने वाले 45 वर्षीय किसान चाड़ा पहान ने खुद के जुगाड़ से लेमन ग्रास का तेल निकालने वाली मशीन लगायी है. जिससे वो लेमन ग्रास का तेल निकालते हैं. इस उपलब्धि को हासिल के लिए उनके पास कोई डिग्री नहीं है और ना ही उन्होंने कही से इसके लिए कोई प्रशिक्षण लिया है. यह सब उन्होंने बस देख कर सीखा है. कई जगहों में देखने के बाद लेमन ग्रास तेल निकालने की मशीन बनायी है. चाड़ा पहान खूंटी जिले के मुरहू प्रखंड क्षेत्र के नक्सल प्रभावित कोजडोंग गांव के रहने वाले चाड़ा पाहन पिछले साल से लेमनग्रास की खेती कर रहे हैं. लेमन ग्रास की खेती के लिए उन्होने मुरहू से प्रशिक्षण प्राप्त किया है.
आठ हजार में बना ली मशीन
मुरहू में प्रशिक्षण के दौरान चाड़ा पहान ने तेल निकालने की मशीन को देखा और उसकी तकनीक को समझा इसके बाद अपने गांव आकर बस जुगाड़ तकनीक से सिर्फ आठ हजार रुपए में प्रोसेसिंग प्लांट तैयार कर लिया. अपनी सफलता को देखते हुए वो काफी उत्साहित हुए और एक और प्लांट विकसित कर लिया, जिसकी लागत 40 हजार रुपए आयी. नयी वाली मशीन ज्यादा एडवांस है क्योंकि इसे बनाने में ज्यादा खर्च आया है. दैनिक जागरण के मुताबिक अगर बाजार से इस प्रकार का प्रोसेसिंग प्लांट वो खरीदते तो उन्हें इसके लिए पांच लाख से लेकर 19 लाख तक की कीमत चुकामी पड़ती. अफीम की खेती के लिए मशहूर खूंटी जिले में किसान पहले पारंपरिक खेती करते थे, पर अब यहां के किसान आधुनिक तरीके से लेमनग्रास की खेती आने वाले कल के लिए बेहतर संकेत दे रही है, क्योंकि लेमन ग्रास की खेती उन जमीनों पर हो रही है जो पहले बंजर रहती थी.
कृषि मंत्री ने दिया था मदद का भरोसा
यहां के किसान लेमन ग्रास का तेल बेचकर अच्छी कमाई कर रहे हैं. सेवा वेलफेयर सोसाइटी की मदद से यहां के सभी किसान खेती कर रहे हैं. सोसाइटी की तरफ से सभी किसानों को खेती के गुर सिखाए गये हैं, किसान चाड़ा पाहन भी प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद चार एकड़ में लेमन ग्रास की खेती करते हैं. इस बार उन्हें उम्मीद है कि इस बार उन्हें पिछले साल की तुलना में इस साल अधिक मुनाफा होने की उम्मीद है. इस समय बाजार में लेमन ग्रास 1300 रुपए लीटर बिक रहा है. झारखंड लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी फिलहाल किसानों से लेमन ग्रास ऑयल खरीदता है. बता दे कि कृषि मंत्री बादल पत्रलेख चाड़ा पहान द्वारा विकसित तेल निकालने की मशीन को देखने के लिए आये थे. उन्होंने इस तकनीक को देखने के बाद उनकी तकनीक की तारीफ करते हुए कहा था कि ग्रामीणों के पास कई इनोवेटिव आडियाज होते हैं. उन्हें आगे बढ़ाने की जरुरत है. साथ ही उन्होंने कहा कि वो हर संभव मदद करेंगे.
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