सभी बच्चों के मामले में जमशेदपुर कुपोषित डीसी को नोटिस

कुपोषित डीसी को नोटिस

Update: 2023-09-30 07:11 GMT
झारखण्ड  जमशेदपुर के बड़ाबांकी गांव में रहने वाले विलुप्त प्राय सबर जनजाति के बच्चों में कुपोषण और एनिमिया के लक्षण पाए गए हैं. इस संबंध में रोटी बैंक की ओर से राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग में शिकायत की गई थी, जिसपर आयोग ने संज्ञान लिया है और डीसी मंजूनाथ भजंत्री से 15 दिनों के भीतर मामले की जांच कर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.
सहायक निदेशक मीनाक्षी शर्मा ने कहा है कि आयोग ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 338 (क) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का अनुशरण करते हुए मामले की जांच कराने का निर्णय लिया है. 15 दिनों के अंदर पूर्वी सिंहभूम के डीसी को मामले की जांच कर कार्रवाई से संबंधित सूचना उपलब्ध कराने को कहा गया है. आयोग ने डीसी को चेतावनी दी है कि अगर नियत अवधि में आयोग को संबंधित शिकायत का जबाव नहीं मिला तो डीसी को वैयक्तिक रूप या प्रतिनिधि के माध्यम से आयोग के समक्ष उपस्थित होने के लिए समन जारी होगा.
बड़ाबांकी गांव में रहते हैं 25 सबर परिवार रोटी बैंक के अध्यक्ष मनोज मिश्रा ने बताया कि बड़ाबांकी गांव में 25 सबर परिवार रहते हैं. यहां रहने वाले सभी सबर परिवार के लोगों की जांच होनी चाहिए. गांव में आंगनबाड़ी केंद्र भी नियमित नहीं खुलते हैं.
पूर्वी सिंहभूम में 16.8 प्रतिशत बच्चे कुपोषित
मनोज मिश्रा ने बताया कि एनएफएचएच-5 के आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में सर्वाधिक कुपोषण सरायकेला जिले में है. यहां के 23 प्रतिशत बच्चे कुपोषित हैं. वहीं, खूंटी, रांची और पूर्वी सिंहभूम में 16.8 प्रतिशत बच्चे कुपोषित हैं. गिरिडीह के 14.5, प. सिंहभूम के 12.9 बच्चे अति कुपोषित हैं.
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