जमशेदपुर न्यूज़: मरीजों का रजिस्ट्रेशन ओपीडी और कैजुअल्टी में इलाज के लिए मरीजों का रजिस्ट्रेशन होगा. अप्वाइंटमेंट कंफर्म और कैंसिल हो सकेंगे.
एडमिशन और डिस्चार्ज आईपीडी में मरीजों को भर्ती, डिस्चार्ज, ट्रांसफर, बेड अलॉटमेंट, इलाज और अस्पताल की ओर से उपलब्ध सेवाएं मिलेगी.
क्लीनिक ओपीडी-आईपीडी मरीजों का संपूर्ण क्लीनिकल डेटा सुरक्षित रहेगा. किस डॉक्टर ने क्या इलाज किया, कौन सी दवा लेने को कहा गया और क्या चिकित्सीय सलाह दी गई, इसकी पूरी जानकारी रहेगी.
एमजीएम अस्पताल के मरीजों के डाटा में अब साइबर अपराधी सेंध नहीं लगा सकेंगे. अस्पताल में नेक्स्ट जेन ई-हॉस्पीटल नामक नया सॉफ्टवेयर सारे सिस्टम में इंस्टॉल किया गया है. यह एक ऑनलाइन पंजीकरण सेवा फ्रेमवर्क पोर्टल है.
यह सॉफ्टवेयर पूरी तरह से साइबर सिक्योरिटी प्रूफ है और सिस्टम के हैक होने का खतरा भी नहीं है. दिल्ली में बैठे नेशनल मेडिकल कमीशन के अधिकारी एक क्लिक पर मरीज और उससे जुड़ी पूरी व्यवस्था की मॉनीटरिंग कर सकेंगे. यह सॉफ्टवेयर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग का है. इससे पहले अस्पताल में नूरा नामक सॉफ्टवेयर में काम होता था, जिसे हर साल अस्पताल को खरीदना पड़ता था. अब सरकारी सॉफ्टवेयर अस्पताल को मिल गया है, जो हर तरीके से सुरक्षित है. गत दिनों दिल्ली एम्स से मरीजों के डाटा में सेंधमारी के बाद केंद्र सरकार की ओर से सारे मेडिकल कॉलेज अस्पताल और जिला अस्पतालों में नेक्स्ट जेन ई-हॉस्पीटल सॉफ्टवेयर इंस्टॉल कराया जा रहा है.