जिले में बाल अपराध के सबसे अधिक केस लंबित

Update: 2023-06-03 12:27 GMT

जमशेदपुर न्यूज़: बाल अपराध से संबंधित जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में झारखंड में सबसे ज्यादा जमशेदपुर में 561 मामले लंबित है. दूसरे नंबर पर रांची है, जहां 433 मामले लंबित है. पूरे राज्य की बात करें तो मार्च 2023 तक बाल अपराध के लंबित मामले चाईबासा में 72 और सरायकेला में 103 हैं.

हाईकोर्ट में जेजे बोर्ड में नियुक्ति से संबंधित जनहित याचिका की सुनवाई में राज्य सरकार की ओर से लंबित केसों की सूची सौंपी गई थी. दो वर्षों से जमशेदपुर जुवेनाइल कोर्ट में अधिक मामले लंबित हुए हैं. समीक्षा के बाद जारी रिपोर्ट के अनुसार, चतरा में 141, डालटेनगंज में 287, देवघर में 198, धनबाद में 184, दुमका में 98, गढ़वा में 143, गिरिडीह में 200, गोड्डा में 89, गुमला में 206 हजारीबाग में 212, जामताड़ा में 53, खूंटी में 151, कोडरमा में 65, लातेहार में 74, लोहरदगा में 89, पाकुड़ में 37, रामगढ़ में 109, साहिबगंज में 56, एवं सिमडेगा में 47 मामले लंबित है.

अधिवक्ता रंजना मिश्रा कहना है कि जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में सुनवाई के लिए एक अलग मजिस्ट्रेट की नियुक्ति होनी चाहिए. फील गिल्टी यानी माफी मांगने और शपथ पत्र दायर करने पर बाल आरोपियों को रिहा या जमानत पर घर भेजने का प्रावधान है, लेकिन हाल के दिनों में फील गिल्टी के मामले को तवज्जों नहीं देने और अधिक जमानत रद्द होने के कारण केस लंबित होते जा रहे हैं. जुवेनाइल जस्टिस केस की सुनवाई में एक स्थायी तौर पर मजिस्ट्रेट की तैनाती करनी होने से मामलों का निपटारा जल्द होगा.

● सरकार की ओर से लंबित केसों की सौंपी गई है सूची

प्रत्येक जिले में भ्रमण कर जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के मामलों का जल्द निपटारा करने का निर्देश दिया जाता है. जिस जिले में आयोग के सदस्य भ्रमण करते हैं, उस जिले में संबंधित विभाग के साथ बैठक की जाती है और निर्देश जारी किया जाता है. कुछ ही जिले में अधिक मामले लंबित हैं.

-काजल यादव, अध्यक्ष, बाल संरक्षण एवं महिला विकास आयोग

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