जमशेदपुर न्यूज़: राज्य में सर्वाधिक कुष्ठ रोगियों वाले जिलों में कोल्हान के दो जिले टॉप-5 में शामिल हैं. 1 अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2023 तक राज्य में 7169 कुष्ठ रोगी मिले हैं.
इनमें सबसे अधिक रोगी देवघर में मिले हैं. यहां कुष्ठ रोगियों की संख्या 609 है. वहीं, दूसरे स्थान पर गोड्डा, तीसरे पर सरायकेला, चौथे पर रांची और पांचवें स्थान पर पूर्वी सिंहभूम है. सरायकेला-खरसावां जिले में 561 और पूर्वी सिंहभूम में 525 कुष्ठ रोगी मिले हैं. राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम झारखंड की ओर से जारी रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है.
पूर्वी सिंहभूम 525 कुष्ठ रोगियों में 10.9 प्रतिशत बच्चे पूर्वी सिंहभूम जिले में 525 कुष्ठ रोगियों में 10.9 प्रतिशत बच्चे हैं. यह आंकड़ा पूरे राज्य में सबसे अधिक है. यानी सर्वाधिक बच्चे पूर्वी सिंहभूम में कुष्ठ रोग से पीड़ित है. इसमें दूसरे स्थान पर साहेबगंज (9.8 प्रतिशत), तीसरे स्थान पर जामताड़ा (9.7 प्रतिशत), चौथे पर धनबाद (9.1 प्रतिशत) और पांचवें स्थान पर गोड्डा (8.4 प्रतिशत) है.
जांच ज्यादा होने से बढ़ रही रोगियों की संख्या विभाग का कहना है कि जांच ज्यादा होने से रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है. जिन लोगों में सर्वाधिक कुष्ठ रोगी मिले हैं, वहां सबसे अधिक जांच हो रही है. जहां कम रोगी है, वहां जांच का प्रतिशत कम है.
कुष्ठ रोग के लक्षण: शरीर पर लाल या तांबे जैसे रंग का दाग, दाग में सूनापन, हाथ-पैर में झनझनाहट आदि इसके लक्षण हैं. ये लक्षण प्रकट नहीं होने तथा बीमारी की शक होने पर स्कीन एस्मियर जांच कराई जाती है. शुरुआत में पहचान होने से इलाज के बाद यह पूरी तरह ठीक हो जाता है.