डॉक्टरों की हड़ताल से चरमराई चिकित्सा व्यवस्था

Update: 2023-03-04 07:22 GMT

धनबाद न्यूज़: बाइक से गिर कर घायल हुआ लोयाबाद निवासी आकाश अपनी बूढ़ी मां के साथ लाठी के सहारे किसी तरह इलाज कराने एसएनएमएमसीएच के ओपीडी पहुंचा. डॉक्टरों की हड़ताल के कारण ओपीडी में इलाज नहीं हुआ. वह इमरजेंसी गया, जहां डॉक्टर ने देखा.

डॉक्टरों की हड़ताल के कारण अकेले एसएनएमएमसीएच के ओपीडी से 567 मरीजों को बिना इलाज के वापस लौटना पड़ा. यहां कुल 670 मरीजों का रजिस्ट्रेशन हुआ था. गंभीर रूप से बीमार 103 मरीजों का इलाज इमरजेंसी में किया गया. कमोबेस जिला के सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों की यही स्थिति रही. आईएमए के अधिकारियों के अनुसार हड़ताल के कारण जिला में लगभग तीन हजार मरीजों को ओपीडी में इलाज नहीं मिल सका है.

बता दें कि सुरक्षा की मांग को लेकर डॉक्टरों ने राज्यव्यापी हड़ताल कर रखी थी. यह हड़ताल इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) और झारखंड हेल्थ सर्विस एसोसिएशन (झासा) के संयुक्त आह्वान पर की गई. हड़ताल के कारण एसएनएमएमसीएच, सदर अस्पताल समेत सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों के ओपीडी बंद रहे. एशियन जालान, पाटलिपुत्र अस्पताल समेत तमाम प्राइवेट अस्पतालों में भी ओपीडी नहीं चलाया गया. प्राइवेट प्रैक्टिसनर डॉक्टरों ने भी चिकित्सीय परामर्श नहीं दिया. डॉक्टरों ने अपने घर, क्लीनिक और अस्पतालों के ओपीडी के बाहर ओपीडी नहीं चलने की सूचना लिख कर टांग दी थी.

दो घंटे कतार में रहकर बिना इलाज लौटे, हंगामा एसएनएमएमसीएच के ओपीडी का रजिस्ट्रेशन बंद नहीं किया गया था. यहां हर दिन की तरह सुबह आठ बजे से रजिस्ट्रेशन शुरू हो गया. सुबह 10 बजे तक रजिस्ट्रेशन के लिए मरीजों की कतार लग गई. दो-दो घंटे कतार में खड़े होकर लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया. जब डॉक्टर के पास पहुंचे तो उन्होंने हड़ताल का हवाला देकर इलाज करने से मना कर दिया. इसको लेकर कुछ मरीज और उनके परिजनों ने हंगामा भी किया. उनका कहना था कि जब हड़ताल थी तो रजिस्ट्रेशन क्यों किया जा रहा है. बेवजह मरीज कतार में खड़े होकर परेशानी झेल रहे हैं.

इमरजेंसी में भीड़ हड़ताल को लेकर अस्पतालों की इमरजेंसी में मरीजों की भीड़ थी. ओपीडी में इलाज कराने आए गंभीर मरीजों को इमरजेंसी में भेज दिया जा रहा. एसएनएमएमसीएच की इमरजेंसी में शाम छह बजे तक कुल 103 मरीजों का इलाज किया गया. इसमें लगभग 40 मरीजों को भर्ती किया गया.

कम मरीज पहुंचे अस्पताल हड़ताल की पूर्व सूचना होने के कारण अस्पतालों के ओपीडी में मरीजों की संख्या भी कम थी. एसएनएमएमसीएच में हर लगभग 1000 मरीजों का रजिस्ट्रेशन होता है. आज सिर्फ 670 मरीज पहुंचे. सदर अस्पताल में हर दिन 150 से 175 मरीज इलाज के लिए आते हैं. यहां भी 60-70 मरीज आए. अन्य अस्पतालों की भी यही स्थिति है.

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