राँची न्यूज़: राज्य में आम की बागवानी के अलावा अन्य फलदार पौधे अमरूद, नींबू, नाशपाती, शरीफा, बेर, कटहल, सहजन की बागवानी को बढ़ावा दिया जाएगा. मनरेगा अंतर्गत बिरसा हरित ग्राम योजना के माध्यम से आम बागवानी, अमरूद बागवानी, छायादार पौधारोपण किया जाएगा. ये बातें ग्रामीण विकास विभाग के सचिव प्रशांत कुमार ने एफएफपी बिल्डिंग के सभागार में आयोजित राज्य बागवानी सलाहकार समिति की बैठक को संबोधित करते हुए कही.
सचिव ने कहा कि राज्य के सभी जिलों में बिरसा हरित ग्राम योजना अंतर्गत वृक्षारोपण का कार्य किया जा रहा है. बिरसा हरित ग्राम योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए मनरेगा और जेएसएलपीएस के सभी प्रतिनिधियों को वर्ष 2023-24 में होने वाले बागवानी योजना के लिए फिर से प्रशिक्षण दिया जाएगा.
बैठक में मनरेगा आयुक्त राजेश्वरी बी, संयुक्त सचिव ग्रामीण विकास विभाग अरुण कुमार सिंह, वन विभाग के पदाधिकारी, जेएसएलपीएस, कृषि, केंद्रीय तसर प्रशिक्षण संस्थान, निदेशक आइआइआरजी, निदेशक कृषि अनुसंधान, कृषि विज्ञान केंद्र, जेएसडब्ल्यूएम टीआरआईएफ निदेशक सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे.
बैठक में लिए गए निर्णय: ह्रएसएचजी की दीदीयों द्वारा संचालित दीदी बगिया योजना उद्यमियों को फलदार पौधा तैयार करने के लिए प्रशिक्षण एवं अन्य सहायता प्रदान किया जाए, ताकि गुणवत्तापूर्ण पौधों का उत्पादन नर्सरी में किया जा सके. दीदी बगिया योजना अन्तर्गत स्थापित नर्सरियों का पंजीकरण जेएसएलपीएस के माध्यम से नेशनल हॉर्टिकल्चर बोर्ड में कराने पर विचार करने का भी निर्णय लिया गया.
बागवानी सखियों को समय पर क्षमतावर्धन एवं उन्हें तकनीकी रूप से और सक्षम बनाने के उद्देश्य से प्रशिक्षित करना आवश्यक है, क्योंकि लाभुकों द्वारा किये जा रहे बागवानी में इनके द्वारा निरंतर तकनीकी सलाह दी जाती है. अत उन्हें प्रशिक्षित कर उनके द्वारा बागवानी अंतर्गत किए गए कार्य की एवज में ससमय मजदूरी भुगतान सुनिश्चित किया जाए.
ह्रबागवानी योजना का सफल क्रियान्वयन बड़े पैमाने पर करना तभी संभव है, जब योजना में सहयोग के लिए पंचायत / प्रखंड और जिला स्तर पर आवश्यक मानव संसाधन तैनात किया जाए. इस काम के लिए कमेटी के सदस्यों द्वारा तसर विकास फाउंडेशन के प्रतिनिधि के साथ समन्वय स्थापित कर वृक्षारोपण के लिए आवश्यक मानव संसाधन से संबंधित एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार किया जाएगा. ताकि विभाग स्तर से इस संबंध में अग्रेतर कार्रवाई की जा सके.
बागवानी में ड्रिप इरीगेशन की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी
सलाहकार समिति के सदस्य जिन संस्थानों से जुड़े है उनके कार्य क्षेत्र / जिलों में संचालित बागवानी योजना के साथ उनको जोड़ने का कार्य किया जाए, ताकि समय-समय पर क्षेत्र भ्रमण के दौरान पौधों की वर्तमान स्थिति पर नजर रखी जा सके एवं उनको तकनीकी सलाह भी दी जा सके. साथ ही तकनीकी सेल राज्य और जिला में गठित किया जाएगा.
बिरसा हरित ग्राम योजना अन्तर्गत आम के पौधों के अतिरिक्त झारखंड के वातावरण के अनुकूल उगाने योग्य अन्य फल यथा नाशपाती, नारंगी, निंबू, अमरूद, कटहल, खजूर, शरीफा इत्यादि के अतिरिक्त बांस, सहजन को भी शामिल करने के विचार पर सहमति बनी. साथ ही यह भी निर्णय लिया गया कि प्रत्येक जिला अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 में होने वाले कुल बागवानी के कम-से-कम 25 प्रतिशत क्षेत्र में मिश्रित फल की बागवानी सुनिश्चित किया जाए.