Maithan मैथन: गलफरबाड़ी ओपी क्षेत्र के शिवलीबाड़ी मुंडाधौड़ा में बुधवार देर रात जहरीली महुआ शराब पीने से एक व्यक्ति की मौत हो गयी. 35 वर्षीय राजन पाठक ने एग्यारकुंड पानी टंकी स्थित अपने घर पर दम तोड़ दिया. जानकारी के अनुसार, राजन पाठक की पत्नी अपनी बेटी के साथ मायके गयी थी. वहीं मां भी छोटी बेटी के ससुराल भागलपुर में थी. जब यह हादसा हुआ, तब घर पर कोई नहीं था. वह घर पर अकेला था और घर का दरवाजा भी अंदर से बंद था. स्थानीय लोगों की सूचना पर गलफरबाड़ी पुलिस मौके पर पहुंची. पुलिस की उपस्थिति में आस-पास के लोग छत के रास्ते घर में घुसे और दरवाजा खोला. तो पाया कि गैरेज रूम के दरवाजे के पास राजन पाठक मृत पड़े हैं. पुलिस शव को पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया है.
शराब पीकर घर वालों के साथ करता था मारपीट
आस-पास के लोगों ने बताया कि राजन को शराब की लत थी. अक्सर वह शराब पीकर अपनी पत्नी और मां के साथ मारपीट करता था. घरेलू हिंसा का मामला कई बार गलफरबाड़ी ओपी पहुंचा. पुलिस ने चेतावनी भी दी, लेकिन उसमें कोई सुधार नहीं हुआ. आखिरकार जहरीली शराब ने असमय उसकी जान ले ली. बता दें कि पिछले 30-35 सालों से आदिवासी बहुल एग्यारकुंड एवं शिवलीबाड़ी मुंडाधौड़ा में अवैध महुआ शराब की बिक्री हो रही है. एक गिलास महुआ शराब मात्र दस रूपये में मिल जाता है, जिसे पीकर हर साल लगभग दस लोगों की जान चली जाती है. लेकिन स्थानीय पुलिस या उत्पाद विभाग की टीम ने आज तक इस इलाके में शराब का अवैध कारोबार बंद करने के लिए सार्थक प्रयास नहीं किया.
प्राकृतिक रूप से सड़ाने की जगह कैमिकल डालकर महुआ को गलाते हैं
देसी शराब बनाने वालों की मानें तो महुआ शराब बनाने में पंद्रह दिन से अधिक समय लगता है. लेकिन डिमांड अधिक होने के कारण दो दिन में ही नशीली पदार्थ डालकर शराब बना दिया जाता है. महुआ को प्राकृतिक रूप से सड़ाने की जगह भाखड़ (केमिकल) मिलाकर गला दिया जाता है. क्योंकि महुआ सड़ता नहीं है, इसलिए उसमें नशा नहीं होता है. ऐसे में शराब बनाने वाले नशा के लिये उसमें नशीली दवा मिलाते हैं.