वकीलों को मिल रही धमकी, प्रोटेक्शन एक्ट की मांग उठी

Update: 2023-04-26 08:00 GMT

जमशेदपुर न्यूज़: पिछले कुछ वर्षों में वकीलों के साथ हिंसक घटनाओं में वृद्धि हुई है. राज्यभर में तीन वर्ष में सौ से ज्यादा अधिवक्ताओं के साथ हिंसक घटनाएं हुई हैं. जिन अधिवक्ताओं के साथ हिंसा की घटना हुई है, उसमें अलग-अलग जिलों के सिविल कोर्ट में अभ्यास करने वाले वकीलों के साथ झारखंड हाईकोर्ट के वकील भी शामिल हैं.

जमशेदपुर सहित कई शहरों में तो वकीलों की हत्या भी हो चुकी है. हालांकि ज्यादातर मामलों में वकीलों के साथ हो रही हिंसक घटनाओं के पीछे निजी या जमीन का विवाद प्रमुख कारण रहे हैं. इन सबके बीच झारखंड के वकील एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग कर रहे हैं, ताकि उनके हितों की रक्षा हो सके. जमशेदपुर में अधिवक्ता प्रकाश यादव की हत्या जमीन विवाद को लेकर बिरसानगर में हुई थी. इसी तरह वकील मनोज झा की तमाड़ में हत्या हुई थी, वे घटना के वक्त जमीन पर चल रहे निर्माण कार्य देखने गए थे. चतरा के अधिवक्ता जगन्नाथ पंडित, कोल्हान की अधिवक्ता पूनम कुमारी, चिरंजीवी मंडल, पवन खत्री, सरफराज अहमद, उदय कुमार, विजय प्रकाश और मनमोहन कुमार के अलावा स्टेट बार काउंसिल के सदस्य हेमंत शिकरवार पर भी हमले की प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. जमशेदपुर सिविल कोर्ट के अधिवक्ता गौरव पाठक को भी धमकी मिल चुकी है. लेकिन इन आंकड़ों से काफी हद तक यह भी स्पष्ट हो रहा है कि कुछ मामलों को छोड़ दें तो अधिवक्ताओं के साथ होने वाली हिंसक घटनाओं के पीछे जमीन विवाद एक बड़ी वजह रही है.

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