Latehar : सूखने की कगार पर औरंगा नदी, जल स्तर गया नीचे

Update: 2024-04-01 11:57 GMT
Latehar: अभी मार्च का महीना खत्म ही हुआ है और शहर की वाटर लाइफ लाइन माने जाने वाली औरंगा नदी सूखने की कगार पर है. लोगों का कहना है कि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ. होली के समय भी औरंगा नदी में पर्याप्त पानी रहता था, लोग होली में रंग खेल कर आते थे और औरंगा नदी में नहा कर शाम में अबीर खेलने के लिए निकलते थे. लेकिन इस बार जब वे होली में रंग खेल कर औरंगा नदी पहुंचे तो उन्हें निराशा हाथ लगी. नदी में पानी का नामोनिशान नहीं था. कुछ एक जगह पानी की पतली धारा अवश्य बह रही थी. लोगों को उसी से काम चलाना पड़ा.
गिरता जा रहा है जलस्तर
औरंगा नदी में पानी सूखते ही जल स्तर भी गिरता जा रहा है. चापाकल अभी से ही हांफने लगे हैं. कई बार पंप करने के बाद चापाकलों में पानी आ रहा है. औरंगा नदी के किनारे बहेराटांड़ में रहने वाले सुरेश ने बताया कि अभी से ही यह हाल है तो मई जून की गर्मी में क्या हाल होगा. उन्होंने बताया कि नदी के किनारे रहने वाले लोग नदी के बालू में चुआंड़ी खोद कर पानी की व्यवस्था करते हैं. हालांकि हाल के दिनों में नगर पंचायत के द्वारा इस मुहल्ले में पाइप लाइन बिछाया गया है, लेकिन पानी सबों के घरों तक नहीं पहुंच पाया है. ऐसे में लोग या तो चापाकल या फिर नदी के पानी से ही अपना काम चलाते हैं.
होता है बालू का अवैध उठाव
बता दें कि पुल के 50 मीटर की परिधि में बालू का उठाव करना प्रतिबंधित है. बावजूद इसके औरंगा नदी पुल के पास से ही बालू का अवैध उठाव किया जाता है. यही कारण है कि आज औरंगा नदी पुल के स्तंभों के आसपास बालू का नामोनिशान नहीं है. पुल के पीलर कैप बालू से काफी उपर आ गये हैं. इससे पुल भी कमजोर हो रहा है. जानकारों का कहना है कि पुल के पीलर का कैप बालू के नीचे होना चाहिए. नदी में अनियंत्रित तरीके से बालू का उठाव किये जाने से पानी ठहराव नहीं हो पा रहा है. इस कारण भी नदी में पानी गरमी के आने पहले ही सूखने लगता है
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